Saturday, October 5, 2024
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महाराष्ट्र में सीटों का बंटवारा भी नहीं कर पा रहा पक्ष-विपक्ष, दोनों में फंसा पेंच?

मुंबई। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। 19 अप्रैल से शुरू होने वाले इस सियासी महामुकाबले के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। उधर, महाराष्ट्र में सत्ताधारी ‘महायुति’ और विपक्षी महाविकास आघाडी गठबंधन में सीट के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में सीट बंटवारे का मुद्दा पक्ष और विपक्ष के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। दोनों खेमों ने दर्जनों बैठकें कीं, लेकिन अब तक राज्य की सभी सीटों पर कोई फैसला नहीं हो सका है। सीट बंटवारे का फॉर्मूला निकालने के लिए नेता कई बार दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक दौड़ लगा चुके हैं, लेकिन मामला नहीं सुलझ सका। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 सीटों पर महायुति के उम्मीदवार अभी तय नहीं हुए हैं। जबकि 12 सीटों पर महाविकास अघाडी भी नामों का ऐलान करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। जबकि एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) है। जबकि एमवीए के तीनों दल ‘इंडिया’ गठबंधन का भी हिस्सा है। तमाम कोशिशों के बाद भी महायुति में 9 और एमवीए में 12 लोकसभा सीटों पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। दिलचस्प बात यह है कि महाराष्ट्र में पहले चरण के मतदान के लिए केवल 17 दिन बचे हैं, जबकि दूसरे चरण के लिए केवल 24 दिन बचे हैं। लेकिन धुआंधार प्रचार और शक्ति प्रदर्शन तो दूर उम्मीदवार अभी तक तय नहीं हो सके हैं। इससे राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं छिड़ गई हैं। पिछले हफ्ते प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी और एमवीए के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत विफल हो गई थी। इसके बाद अंबेडकर की पार्टी अब तक 19 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। लेकिन महाविकास अघाडी 10 से ज्यादा सीटों पर कोई उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। इसके विपरीत, सांगली समेत कुछ सीटों पर दो सहयोगी दल आपस में भिड़ गए हैं। मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र में महायुति और महाविकास अघाडी दोनों ने अपने प्रत्याशी तय नहीं किए हैं। इस सीट पर पिछले 10 साल से बीजेपी की पूनम महाजन सांसद हैं। लेकिन फिलहाल बीजेपी ने इस सीट के लिए कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। महायुति ने अभी तक मुंबई दक्षिण सीट को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की है। जबकि महाविकास अघाडी से मौजूदा सांसद अरविंद सावंत को शिवसेना उद्धव गुट ने फिर से मौका दिया है। महायुति में पालघर, कल्याण, ठाणे, धाराशिव, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, संभाजीनगर और नासिक निर्वाचन क्षेत्र पर पेंच फंसा हुआ है। इन सीटों पर शिवसेना और बीजेपी के बीच खींचतान चल रही है। इस वजह से अजित पवार की एनसीपी भी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर सकी है। दिलचस्प बात यह है कि कल्याण की सीट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे पिछले 10 साल से सांसद हैं। लेकिन अभी तक उनकी उम्मीदवारी तय नहीं हो सकी है। दरअसल बीजेपी ठाणे और कल्याण में से कोई एक सीट चाहती है। ठाणे को सीएम शिंदे का गढ़ माना जाता है। महाविकास अघाडी में भी सीट शेयरिंग का मुद्दा अटक गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 12 सीटों पर महाविकास अघाडी में अनबन जारी है। खबर है कि राज्य प्रमुख नाना पटोले समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। जिसके चलते कांग्रेस के सामने मजबूत उम्मीदवार ढूंढने की चुनौती भी खड़ी हो गई है। स्वाभिमानी शेतकर संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी के लिए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा हातकणंगले सीट छोड़ने की चर्चा थी, लेकिन इसको लेकर भी कोई घोषणा नहीं हो सकी।

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