
लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे बीएमसी व फायर ब्रिगेड के अधिकारी!
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में बैठे अधिकारी पैसे के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं! इन्हें लोगों की जान-माल की भी चिंता नहीं है। जिसके चलते कांदिवली पश्चिम में स्थित रघुलीला मेगामॉल में बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण को बीएमसी अधिकारी संरक्षण दे रहे हैं। इस मॉल के ग्राउंड फ्लोर से लेकर टॉप फ्लोर तक बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। मेजेनाइन फ्लोर का अवैध निर्माण इस मॉल में सामान्य हो गया है। पैसे कमाने के लालच में, दुकान के मालिकों ने अपनी दुकानों में मेजेनाइन फ्लोर बनाकर किराए पर दे दिए हैं, जिससे उन्हें मोटी कमाई हो रही है। इस मॉल में लोगों की भारी आवाजाही होती है, और अतिक्रमण के कारण किसी बड़े हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। बीएमसी आर/मध्य विभाग के अधिकारियों पर यह आरोप है कि वे महीने की रिश्वत लेकर इस अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। जब भी कोई हादसा होता है, बीएमसी के अधिकारी यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से बच निकलते हैं कि उन्होंने नोटिस दे दी थी, लेकिन असल में ये नोटिसें सिर्फ वसूली का जरिया बन गई हैं। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी, अतिरिक्त आयुक्त डॉ. सुधाकर शिंदे और उपायुक्त भाग्यश्री कापसे समय रहते रघुलीला मेगामॉल में हुए अवैध निर्माणों पर शीघ्र कार्रवाई करें, ताकि बीएमसी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठते सवालों को रोका जा सके? क्योंकि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में किसी बड़े हादसे की पूरी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।