Mumbai News : सेनानी (Freedom fighters) किसी एक पार्टी के नहीं होते हैं और जो जिंदा नहीं हैं, अपनी सफाई के लिए हमारे सामने नहीं आ सकते हैं, उनके खिलाफ कीचड़ उछालना ठीक नहीं है. हम जो मानते हैं कि सावरकर को विज्ञान की अच्छी समझ थी, तो हमें यह भी मानना पड़ेगा कि देश को विज्ञान की दिशा में आगे ले जाने का काम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया है. एक पर कीचड़ उछालकर हम दूसरे को साफ नहीं दिखा सकते. हमें लगता है सावरकर पर अब तक बहुत बहस हो चुकी है. अब यह बंद होनी चाहिए. संजय राउत ने आज कहा.
इस बीच बता दें कि सावरकर के प्रपौत्र रणजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) आज (19 नवंबर, शनिवार) राज ठाकरे के निवास शिवतीर्थ में उनसे मुलाकात करने वाले हैं. संजय राउत ने आज पत्रकारों से बातचीत में इस पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल का भी सावरकर पर बोला जाना उचित नहीं था. हमारे लिए वो वंदनीय हैं. लेकिन सावरकर के वंशजों को भी समझना चाहिए कि नेहरू को नीचा दिखाकर वे सावरकर की ऊंचाई नहीं बता सकते. सावरकर, नेताजी सुभाष बोस, सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री और अन्य क्रांतिकारियों ने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया है. किसी का योगदान कम नहीं है. आजादी के बाद भी देश किस दिशा में जाएगा, यह तय करने वालों का योगदान कम नहीं है. पंडित नेहरू का विज्ञानबोध नहीं होता तो देश आज पाकिस्तान के रास्ते पर होता. सामना के संपादकीय में भी आज लिखा गया है कि सावरकर माफी के मामले में कोयला घिस कर राहुल ने अच्छी खासा लोकप्रिय हो रही अपनी यात्रा के लिए मुश्किलें खड़ी कर लीं. इ