
दो साल से एमपीसीबी के अधिसूचना के खिलाफ चल रहा हैं आरएमसी प्लांट
कुंभकर्णी नींद से कब जागेंगे प्रादेशिक अधिकारी संजय भोसले?
संवाददाता
मुम्बई: अब मुंबई की हवा भी जहरीली होती जा रही हैं जिसके चलते मुंबई में लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके पीछे कहीं न कहीं महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(एमपीसीबी) में बैठे अधिकारियों की कामचोरी व भ्रष्टाचार का नतीजा बताया जा रहा हैं। मिली जानकारी के
अनुसार बीएमसी एल विभाग के वार्ड क्र १६६,
कुर्ला बैलबाज़ार में एयर पोर्ट बाउंड्री से लगे रहिवासी इलाके में स्पेको इन्फ्रास्ट्रक्चर का आरएमसी प्लांट लगाया गया। जिससे क्षेत्र का पर्यावरण दूषित होने के साथ-साथ स्थानीय रहिवासियों को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। मजे की बात ये हैं स्थानीय पूर्व नगरसेवक की शिकायत के बाद भी एमपीसीबी में बैठे अधिकारी उक्त आरएमसी प्लांट को संरक्षण देने के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ से खिलवाड़ कर रहे हैं। बता दें कि स्पेकों इन्फ्रास्ट्रक्चर के आरएमसी से मिक्स सीमेंट का घोल नाले-नालियों में जाने से जल निकासी की समस्या बनी हुई और छोटे से रोड पर हैवी वाहनों के चलते रोड खस्ताहाल हो रहा हैं, वहीं इन गाड़ियों की चपेट में आने से बेजुबान जानवरो की मौत भी हुई हैं। जिस जगह पर प्लांट लगाया गया उसके आसपास कई स्कुल भी हैं। प्लांट की शिकायत वाडिया इस्टेट रहिवासी संघ ने कई बार शासन-प्रशासन से की। लेकिन आरएमसी प्लांट संचालक के सामने शासन-प्रशासन लाचार दिख रहा हैं। जिसके चलते क्षेत्र के स्थानीय लोगो ने सड़को पर उतर कर आरएमसी प्लांट के विरोध में ३१ जनवरी २०२१ को हस्ताक्षर अभियान चलाया था और आज भी संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन जागने का नाम नहीं
ले रहा हैं। जिसकी शिकायत १७ मार्च २०२१ को मनपा आयुक्त के अलावा कई अधिकारियों से की गई हैं। पिछले दो साल से स्थानीय लोगों द्वारा उक्त आरएमसी प्लांट को बंद करने के लिए शिकायत कर रहे हैं। लेकिन आरएमसी प्लांट मालिक के सामने सब बौने नजर आ रहे हैं।
प्लांट संचालक द्वारा एमपीसीबी अधिसूचना की उडाई जा रहीं धज्जियां
स्पेको इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी के संचालक द्वारा महाराष्ट्र प्रदुषण नियंत्रण मंडल, अधिसूचना में दिए गए नियमों की अनदेखी कर आरएमसी प्लांट
चलाया जा रहा हैं। महाराष्ट्र प्रदुषण नियंत्रण, कायद १९७४ व १९८१ का उल्लंघन किया जा रहा हैं। स्थानीय लोगों के शिकायत के बाद भी
एमपीसीबी के अधिकारी उक्त प्लांट को संरक्षण दे रहे हैं। वहीं प्लांट रात भर चलाया जा रहा हैं। जबकि नियम के मुताबिक सुबह ६ से १० बजे तक का समय दिया गया हैं और बीएमसी के मुताबिक समय सुबह ८ से शाम ६ बजे का तय हैं।
किसने क्या कहा…
वहीं स्वर्णिम प्रदेश संवाददाता ने जब एमपीसीबी के प्रादेशिक अधिकारी संजय भोसले से उक्त आरएमसी प्लांट के बारे में जब पूछा तो उन्होंने जांच व कार्रवाई की बात की। और कहा कि बीएमसी बंद कर सकती हैं। लेकिन बीएमसी अधिकारी का कहना हैं कि एमपीसीबी के परमिशन के बाद ही बीएमसी आरएमसी प्लांट का परमिशन देते हैं। दोनों के बातो में विरोधाभास होने के चलते यह स्पष्ट हो रहा हैं उक्त आरएमसी प्लांट को दोनों का संरक्षण हैं। जिसके चलते रहिवासी इलाके में अधिकारियों की मिलीभगत से
प्लांट चल रहा हैं।बीएमसी और एमपीसीबी दोनों लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अब देखना यह हैं कि एमपीसीबी अध्यक्ष ए.एल.जर्हाड व सचिव प्रवीण दराडे लोगों के स्वास्थ्य और समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उक्त आरएमसी प्लांट व संरक्षण देने वाले एमपीसीबी के अधिकारियों पर ठोस कार्रवाई कर पायेगे?