Saturday, July 27, 2024
Google search engine
HomeIndiaMaharashtra : मराठी मुद्दा छोड़ अब हिंदुत्व की राजनीति करेंगे राज ठाकरे!...

Maharashtra : मराठी मुद्दा छोड़ अब हिंदुत्व की राजनीति करेंगे राज ठाकरे! क्या भाजपा का मिलेगा साथ?

Maharashtra : एक समय में बीजेपी और प्रधानमंत्री के कट्टर आलोचक माने जाने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे (Raj Thackeray) के सुर इन दिनों बदले बादले से नजर आ रहे हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार गिरने के बाद से ही राज ठाकरे बीजेपी नेताओं के सम्पर्क में हैं. कभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग पर शिवसेना को घेरने वाले ठाकरे ने इसी मुद्दे पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है. राज ठाकरे के इस कदम के महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं. प्रदेश के राजनीतिक हलकों में उनके इस कदम को बीजेपी से उनकी नजदीकियों को जोड़कर देखा जा रहा है. कयास लगाए जाने लगे हैं कि वे अब हिन्दुत्व की राह लेंगे. वैसे भी उनका मराठी मुद्दा अब फुस्स हो चुका है.

हिंदू वोटों को बटोरने की कवायद
देखा जाए तो पिछले कई महीनों से राज ठाकरे खुद को हिंदुत्व के नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना के हिंदू वोटों को अपने पाले में लाया जा सके. पीएम मोदी के विरोध और कांग्रेस के समर्थन में प्रचार कर चुके राज ठाकरे की राजनीति में आए हालिया बदलाव को उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और बीजेपी के बीच बढ़ती नजदीकियों के रूप में देखा जा रहा है.

हिंदुत्व पर ढ़ीली हुई शिव सेना की पकड़
महाराष्ट्र की राजनीति में कभी मराठी मानुष और कट्टर हिंदुत्व की समर्थक माने जाने वाली शिवसेना की हिंदुत्व के मुद्दों पर पकड़ ढीली होने से राज ठाकरे को फ्रंट-फुट पर खेलने का मौका मिल गया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राज ठाकरे का हिंदुत्व एजेंडा अचानक नहीं, बल्कि सोंच-समझ कर उठाया गया कदम है. उनके इस कदम को मनसे के राजनीतिक विस्तार से भी जोड़ कर देखा जा रहा है.

मनसे की बढ़ेगी स्वीकार्यता
माना जा रहा है कि हिंदुत्व आधारित राजनीति से MNS की गैर-मराठी वोटरों के बीच भी स्वीकार्यता बढ़ेगी. मुंबई में 26% मराठी वोटर्स हैं, जबकि बाकि 64% में उत्तर भारतीय, गुजराती और अन्य शामिल हैं. इसकी एक और बड़ी वजह मनसे की उत्तर भारतीय विरोधी पार्टी होने की इमेज को धोने की कोशिश भी है.

राज ठाकरे को मिल गया मौका
कभी अपने ही धुर विरोधी रहे दलों कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे के समर्थक भी खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. इसी बीच राज ठाकरे को हालिया राजनीतिक अवसर का फायदा उठाने का मौका नजर आया. दूसरा कारण यह कि कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन की वजह से शिवसेना को हिंदुत्व पर अपने रुख को भी नरम करना पड़ा. शिवसेना हाल के दिनों में लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगाने के विवाद से लेकर हनुमान चालीसा के पाठ के मुद्दे पर दोराहे पर खड़ी नजर आई है.

लाउडस्पीकर के मुद्दे पर शिवसेना को घेर रहे ठाकरे
जानकारी हो कि राज ठाकरे ने हाल के दिनों में कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए शिवसेना की सरकार को परेशानी में डाल दिया था. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर डाली थी. उन्होंने हनुमान जयंती के मौके पर पुणे में मनसे कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था. इसके बाद उद्धव सरकार को अल्टीमेटम भी दिया था. इसके विरोध में उन्होंन औरंगाबाद में रैली भी की थी.यह सब देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है कि वे अब हिंदुत्व की राह पर चलने वाले हैं.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments