
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। माढा लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज धैर्यशील मोहिते पाटिल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। महाराष्ट्र के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को लिखे पत्र में धैर्यशील ने बताया कि वे भारतीय जनता पार्टी, सोलापुर जिले के महासचिव के पद पर रह चुके हैं। साथ ही उनके पास मालशिरस विधानसभा चुनाव प्रमुख की भी जिम्मेदारी है। इस कार्यकाल में उन्होंने जिला, मण्डल कार्यकारिणी, मोर्चा, प्रकोष्ठ आदि की संगठनात्मक संरचना का गठन एवं क्रियान्वयन किया। समय-समय पर पार्टी के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर संगठन के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। आपने मुझ पर जो विश्वास दिखाया और मुझे जो अवसर दिया उसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं और आपको सूचित करना चाहता हूं कि आज मैं व्यक्तिगत कारणों से भारतीय जनता पार्टी के सभी पदों के साथ-साथ सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं। मिली जानकारी के अनुसार, धैर्यशील मोहिते शरद पवार गुट की एनसीपी के संपर्क में हैं। वह शरद पवार की पार्टी के टिकट पर माढा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक धैर्यशील 14 अप्रैल को शरद पवार गुट में शामिल होंगे और 16 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि आधिकारित तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है।
2019 में बीजेपी में हुए थे शामिल
धैर्यशील मोहिते पाटिल माढा से एनसीपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री विजयसिंह मोहिते पाटिल के भतीजे हैं। उन्होंने 2019 में बीजेपी ज्वाइन की थी। धैर्यशील माढा से टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजेपी ने मौजूदा सांसद रणजीतसिंह नाइक निम्बालकर को दोबारा टिकट दे दिया। इससे वह नाराज थे।
मुंबई कांग्रेस के नेता दिल्ली में पार्टी नेताओं से करेंगे मुलाकात
उधर, उद्धव गुट के साथ मुंबई की दक्षिण मध्य सीट पर चल रहे विवाद पर आज मुंबई कांग्रेस के नेता दिल्ली रवाना हो रहे हैं। मुम्बई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड दिल्ली में केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगी। वर्षा गायकवाड की वेणुगोपाल से आज मुलाकात होगी। वर्षा कांग्रेस के लिए दक्षिण मध्य मुंबई के रूप तीसरी सीट की मांग पर अड़ी हैं। इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान के सामने वह अपनी बात रखेंगी।
सीट बंटवारे को लेकर सामने आ रहे मतभेद
बता दें कि सीट बंटवारे को लेकर चाहे एनडीए हो या फिर इंडिया गठबंधन सभी दलों में मतभेद उभरकर सामने आए हैं। कई नेता टिकट की उम्मीद में थे लेकिन उम्मीदों पर पानी फिर गया। इसकी वजह से कोई दलबदल कर रहा है तो कोई निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटा है।