Saturday, July 27, 2024
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New Delhi: ‘द कश्मीर फाइल्स एक प्रोपेगेंडा फिल्म..’, नादव लापिद के सपोर्ट में उतरे IFFI के 3 जूरी मेंबर्स

New Delhi : ‘द कश्मीर फाइल्स’ को अश्लील और प्रोपेगेंडा फैलाने वाली फिल्म बताने वाले इजरायल के फिल्ममेकर नादव लापिद की उनके इस बयान को लेकर बीते दिनों जमकर आलोचना हुई. यहां तक कि इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन और इजराइल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशानी ने भी उनको इस बयान के लिए जमकर खरी-खरी सुनाई. हालांकि इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के तीन जूरी मेंबर्स ने लापिद के बयान का खुलकर समर्थन किया है. इनमें अमेरिकी निर्माता जिन्को गोटोह, फ्रांसीसी फिल्म संपादक पास्कल चावांस और फ्रांसीसी लघु फिल्म निर्माता जेवियर एंगुलो बारटुरेन शामिल हैं.

इनके अलावा, ज्यूरी मेंबर्स में शामिल एकमात्र भारतीय सुदीप्तो सेन ने लापिद के बयान को उनकी ‘पर्सनल ओपिनियन’ यानी व्यक्तिगत राय बताया है. सेन ने कहा कि अब अगर कोई पब्लिकली किसी एक फिल्म को चुनता है और कुछ ऐसा कहता है, जिसकी उम्मीद नहीं होती. तब यह उसके निजी विचार हैं. इसका ज्यूरी मेंबर्स से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि नादव लापिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जो कुछ भी कहा, वो उनकी व्यक्तिगत राय थी. लापिड IFFI की इंटरनेशनल ज्यूरी के चीफ थे. उन्होंने नौ दिन चलने वाले इस फिल्म फेस्टिवल के आखिरी दिन आयोजित अवॉर्ड फंक्शन में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘एक अश्लील और प्रोपेगेंडा फैलाने वाली फिल्म’ करार दिया था.

‘फेस्टिवल में ऐसी फिल्म को दिखाना गलत था’
IFFI के बाकी तीन जूरी मेंबर्स ने कहा, ‘इस फेस्टिवल में जूरी चीफ नादव लापिद ने जूरी मेंबर्स की ओर से बयान दिया था. हम सभी “द कश्मीर फाइल्स” फिल्म से हैरान और परेशान थे, जो हमें वास्तव में एक अश्लील और प्रोपेगेंडा फैलाने वाली फिल्म लगी. इस तरह के फिल्म फेस्टिवल में ऐसी फिल्म का प्रदर्शन करना गलत था. हम नादव लापिद के बयान से पूरी तरह से सहमत हैं.’ जूरी मेंबर्स ने आगे कहा, ‘इस फिल्म पर हमारे विचार कोई पॉलिटिकल एजेंडा नहीं है. हम हैरान है कि ऐसी फिल्म को फेस्टिवल में दिखाया जा रहा है और इस प्लेटफॉर्म को राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. लापिद की आलोचना की जा रही है और जूरी की यह मंशा कभी नहीं थी.’

नदव लापिद ने कहा- मैं बयान पर कायम
इससे पहले, नदव लापिद ने अपने बयान पर तमाम आलोचनाओं के बाद कहा था कि वह अपने बयान पर कायम हैं क्योंकि वह जानते हैं कि फिल्म के रूप में प्रोपेगेंडा को किस तरह पहचाना जाता है. लापिद ने कहा कि खराब फिल्म बनाना अपराध नहीं है, लेकिन विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित यह फिल्म “अधूरी, जानबूझकर तथ्यों से छेड़छाड़ वाली और हिंसक” है. बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ के लेखक-निर्देशक अग्निहोत्री, इसमें अभिनय कर चुके अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समेत कुछ बीजेपी नेताओं के साथ ही भारत में इजराइली राजदूत नाओर गिलोन तथा मध्य-पश्चिम भारत में उसके महा वाणिज्यदूत कोब्बी सोशानी ने लापिद की तीखी आलोचना की थी.

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