New Delhi: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना अपनी संपूर्ण सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए दूसरे स्वेदशी विमान वाहक पोत (IAC) के बारे में विचार कर ही है। हरि कुमार ने नौसेना दिवस से एक दिन पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नौसेना को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए 2047 की समयसीमा तय की गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि औपनिवेशिक अतीत से पीछा छुड़ाने की कवायद जारी है, क्योंकि ‘हम इस विचार का दृढ़ता से समर्थन करते हैं कि हमें गुलामी की मानसिकता से छुटकारा पाना है।’
चीन से संभावित चुनौतियों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि नौसना हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के विभिन्न सैन्य एवं जासूसी पोत की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रही है। नौसेना की अभियानगत क्षमता को बढ़ाने के लिए की गयी पहलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी दोहरे इंजन वाले पोत आधारित विमान के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा तैयार किया जा रहा है। साल 2026 तक इस जेट विमान की प्रतिकृति बना लेने की योजना है और 2032 तक उसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि विमानवाहक आईएनएस विक्रांत का नौसेना के बेड़े में शामिल होना भारत के लिए ऐतिहासिक घटना है। नौसेना का लक्ष्य देश के लिए ‘भारत में निर्मित’ सुरक्षा समाधान हासिल करना है। एक प्रश्न पर उन्होंने बताया कि अमेरिका से ‘प्रीडेटर’ ड्रोन की खरीद का विषय प्रक्रिया में है।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना अगले साल से महिलाओं के लिए अपनी सभी शाखाएं खोलने वाली है। नौसेना में करीब 3,000 अग्निवीर पहुंच गए हैं, जिनमें से 341 महिलाएं हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा कि पहली बार ‘हम महिला नाविकों को नौसेना में शामिल कर रहे हैं।’