new Delhi: भाजपा द्वारा महापौर और उपमहापाैर पद के चुनाव के लिए प्रत्याशी खड़े किए जाने के चलते आम आदमी पार्टी ने अपनी कमजोर कड़ियों को ढूंढना शुरू कर दिया है। इस कार्य में पार्टी के भरोेसेमंद नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। पार्टी से संबंधित अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। कारण पार्टी रणनीतिकार भाजपा द्वारा प्रत्याशी खड़े किए जाने को सामान्य बात नहीं मान रहे हैं आप को आशंका कि भाजपा कुछ भी करने का प्रयास कर सकती है।
AAP के पास पूर्ण बहुमत
यूं तो महापौर और उपमहापाैर के चुनाव जीतने के लिए सदस्यों की संख्या के हिसाब से आप के पास पूर्ण बहुमत है। चुनाव के लिए दिल्ली से 250 निर्वाचित पार्षद, सात लोकसभा और तीन राज्यसभा सांसद और विधान सभा द्वारा मनोनीत 14 विधायक भाग ले सकते हैं। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने आप के 13 और भाजपा के एक विधायक को एमसीडी के लिए नामित किया है। इस हिसाब से चुनाव के लिए कुल वोट 274 हैं। नंबर गेम आप के पक्ष में है, जिसमें भाजपा के 113 के मुकाबले आप के 150 सदस्य हैं।
AAP को स्थायी समिति की भी चिंता
मगर जिस तरह से आप भाजपा को जोड़तोड़ में माहिर मान रही है, इससे आप कहीं न कहीं चिंचित भी जरूर है। वैसे आप साफ तौर पर कह रही है उसे कोई परेशानी नहीं है और न ही उसे कोई चिंता है।मगर सूत्रों की मानें तो आप काे महापौर, उपमहापाैर के पद के साथ साथ स्थायी समिति की भी चिंता है। भाजपा हर मामले में अपनी चलाने की काेशिश कर रही है।
सूत्रों की मानें ताे आप की चिंता जीत कर आए पार्टी के वे निगम पार्षद हैं जो कभी भी आप के कार्यकर्ता नहीं रहे।उनके अंदर आप की विचारधारा भी नहीं जाग सकी है कि वे पार्षद बन गए हैं। जानकारों की मानें तो उत्तम नगर, सागरपुर, आरकेपुरम, विकासपुरी, डावड़ी, पटपड़गंज, बवाना, आदर्श नगर, सुभाष नगर, नागलोई व तुगलकाबाद आदि से कई पार्षद ऐसे हैं जाे आप की सीट से चुनााव जीते हैं। इनमें में से कुछ लाेग कुछ माह पहले ही आप में शामिल हुए थे।