मुंबई: आमतौर पर किसी इंसान की मौत के बाद उसके शव को दफना या जला दिया जाता है। जिसके बाद उस इंसान के दोबारा जिंदा होने के आसार खत्म हो जाते हैं। हालांकि, महाराष्ट्र के पालघर जिले में ऐसा ही मामला सामने आया है। इस घटना को सुनकर हर कोई हैरान है। दरअसल मुंबई से 120 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद महाराष्ट्र के आदिवासी जिले पालघर में एक व्यक्ति को मृत समझकर दफना दिया गया था। लेकिन अब पता चला है कि वह व्यक्ति जिंदा है। इस बात की सूचना जैसे ही उनके परिवारवालों को मिली तो वो खुशी से झूम उठे। हालांकि, जब पालघर की जीआरपी को इस मामले की जानकारी मिली तो वह भी हैरान रह गई। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
यह मामला पिछले जनवरी महीने की 29 तारीख का है। जब बोइसर रेलवे स्टेशन पर एक शख्स ट्रेन की चपेट में आ जाने के बाद में अपनी जान गंवा बैठा था। छानबीन में इस व्यक्ति की शिनाख्त रफीक शेख के रूप में हुई थी। दरअसल इस शव का चेहरा रफीक के चेहरे से काफी मिलता-जुलता था। इस वजह से रफीक के परिजन और दोस्त भी उसे पहचानने में धोखा खा गए। इस बीच रफीक शेख की पत्नी को केरल से मुंबई बुलाया जाता है। तीन दिन बाद रफीक का पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर उसे कब्रिस्तान में दफना दिया जाता है।
मुर्दे ने किया वीडियो कॉल
अब रफीक शेख के परिजन, दोस्त और रिश्तेदार हर कोई उसकी मौत के गम में डूबा हुआ था। इस बीच रफीक शेख ने अपने एक दोस्त को वीडियो कॉल किया। जिसके बाद उसका दोस्त रफीक को जिंदा देखकर हैरान रह गया। दोस्त ने यह बात फौरन रफीक के परिजनों को बताई। यह खबर सुनते ही उसके परिजन खुशी से झूम उठे। दरअसल जिस व्यक्ति को दफनाया गया था वह रफीक नहीं बल्कि कोई और था।
कहां था रफीक शेख?
तीन महीने पहले रफीक शेख कुछ कारणों की वजह से परिवार छोड़कर चला गया था। काफी तलाशने के बाद भी जब उसका कोई सुराग नहीं मिला। तब मजबूरी में परिजनों ने पुलिस स्टेशन में उसके मिसिंग कंप्लेंट दर्ज करवाई। हालांकि, बाद में यह पता चला कि वह पालघर जिले के सफाले में किसी अनाथ बच्चों की देखभाल करने वाली संस्था में नौकरी कर रहा है। रफीक शेख तो वापस अपने परिवार में लौट चुका है। लेकिन जिस व्यक्ति की लाश को रफीक शेख समझकर जीआरपी ने अंतिम संस्कार कर दिया था। वह लाश किसकी है? अब इसकी छानबीन करना पुलिस के लिए एक नई चुनौती है।