Thursday, April 25, 2024
Google search engine
HomeBusinessइलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में महाराष्ट्र सबसे आगे, कर्नाटक दूसरे नंबर पर

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में महाराष्ट्र सबसे आगे, कर्नाटक दूसरे नंबर पर

मुंबई। फेम द्वितीय की सब्सिडी का लाभ उठाने वाले सभी श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की सूची में महाराष्ट्र शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान का स्थान है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के जरिये खरीदे गए 8.5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों में से इन शीर्ष पांच राज्यों का संयुक्त रूप से 56 प्रतिशत से अधिक का योगदान है तथा इसमें दो पहिया, तीन पहिया, ई-रिक्शा और चार पहिया वाहन शामिल हैं।

इन शीर्ष राज्यों का यह रुख तेल-गैस से चलने वाले वाहनों के पंजीकरण के ही अनुरूप है, हालांकि इसमें उत्तर प्रदेश एक अपवाद है। 31 मार्च 2019 तक के आंकड़ों के अनुसार (जब यहां मुख्य रूप से पेट्रोल और डीजल की प्रधानता थी) सभी वाहनों के पंजीकरण में इसका योगदान 11 प्रतिशत रहा है और इसे दूसरे स्थान पर रखा गया था। इलेक्ट्रिक दांव में उत्तर प्रदेश ने शीर्ष पांच की सूची में अपना स्थान गंवा दिया है। इसकी जगह राजस्थान ने ले ली है, जो इस वरियता क्रम में पांचवें स्थान पर है।

39,572 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के साथ उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक की दिशा में बढ़ने के मामले में काफी पीछे है। कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में इसकी हिस्सेदारी केवल 4.6 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में इसका योगदान मात्र 3.4 प्रतिशत है।
इसके विपरीत राजस्थान ने 60,584 वाहन बेचे हैं, जिनमें से ज्यादातर दोपहिया वाहन हैं। फेम द्वितीय योजना के तहत केवल 45 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए। कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में राज्य की हिस्सेदारी 7.1 प्रतिशत आंकी गई है।

जहां महाराष्ट्र इन दोनों सूचियों में पहले स्थान पर बना हुआ है, वहीं कर्नाटक ने इलेक्ट्रिक वाहनों की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर अपना कब्जा बनाते हुए तमिलनाडु और गुजरात को पीछे छोड़ दिया है (2019 में मार्च के आखिर में पंजीकरण की हिस्सेदारी की तुलना में जब ज्यादातर तेल-गैस से चलने वाले वाहन थे)।
यह बात इसलिए स्पष्ट है क्योंकि बेंगलूरु देश की सॉफ्टवेयर राजधानी है तथा दो बड़ी कंपनियों – ओला इलेक्ट्रिक और एथर एनर्जी का स्थान भी है। चार पहियों वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (जिनमें यात्री कार शामिल हैं) में, दिल्ली 2,864 वाहनों के साथ सबसे अधिक बिक्री करने वाला बाजार रही। इसके बाद कर्नाटक (1,359), महाराष्ट्र (735), तेलंगाना (427), हरियाणा (369) और पश्चिम बंगाल (197) का स्थान रहा। फेम द्वितीय योजना के तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी के तौर पर 10,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। इस योजना को बढ़ाकर वर्ष 2024 के मार्च अंत तक कर दिया गया है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अब तक कुल 3,775 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments