मुंबई। महाराष्ट्र के लातूर शहर के एक कॉलेज में लगभग 100 स्वदेशी और दुर्लभ पेड़ों का एक ‘पुस्तकालय’ स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य छात्रों को इन पौधों के बारे में अधिक जानने और उन्हें संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इस पहल के तहत राजर्षि साहू कॉलेज के परिसर में छात्रों द्वारा औषधीय के साथ-साथ बिबवा, घाटाबोर, बहावा, बांस, आम और पीपल सहित कुछ लोकप्रिय पेड़ लगाए गए हैं। लातूर की जिलाधिकारी वर्षा ठाकुर-घुगे ने मंगलवार को कॉलेज के प्रधानाध्यापक, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और छात्रों की उपस्थिति में वृक्ष ‘पुस्तकालय’ का उद्धाटन किया। छात्रों ने विभिन्न देशी और दुर्लभ पेड़ों की लगभग 100 प्रजातियों को गमलों में लगाया और उनके बारे में जानकारी भी दी। कॉलेज के प्रधानाध्यापक डॉ. महादेव गव्हाणे ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों को इन पौधों को संरक्षित करने, रोजाना उनकी देखभाल करने, उनके बारे में जानकारी हासिल करने तथा उनकी पहचान करने के लिए प्रोत्साहित करना है। जिलाधिकारी ने इस पहल की सराहना की और कहा कि लातूर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वृक्षारोपण, बीज बैंक जैसी गतिविधियां की जा रही हैं। घुगे ने कहा कि दुर्लभ वृक्षों का ऐसा पुस्तकालय युवाओं को वृक्षों का महत्व समझाने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य कॉलेजों को भी ऐसी अवधारणा शुरू करनी चाहिए।