
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पालघर से निर्वाचित भाजपा विधायक राजेंद्र गावित के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की एकलपीठ ने कहा कि गावित ने नामांकन पत्र में अपने दोनों जीवनसाथियों की जानकारी “सच्चाई और ईमानदारी” से दी है, और उनकी आदिवासी पृष्ठभूमि को देखते हुए उनकी दूसरी शादी को कानूनी रूप से दोषपूर्ण नहीं ठहराया जा सकता।
क्या था मामला?: यह याचिका पालघर के एक सामाजिक कार्यकर्ता और मतदाता सुधीर जैन द्वारा दायर की गई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि राजेंद्र गावित का नामांकन फॉर्म दोषपूर्ण है क्योंकि उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी रूपाली गावित का उल्लेख किया है, जो कथित तौर पर हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अमान्य विवाह होगा। याचिका में दावा किया गया कि यह हलफनामा झूठा है और इस आधार पर उनके चुनाव को शून्य घोषित किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि गावित भील आदिवासी समुदाय से आते हैं, और यह समुदाय ऐसे रीति-रिवाजों को मान्यता देता है, जिसमें बहुविवाह की प्रथा स्वीकार्य है। भारतीय चुनाव कानूनों के तहत ऐसे रीति-रिवाजों के आधार पर किसी प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से वंचित नहीं किया जा सकता। गावित ने अपने चुनावी हलफनामे में दोनों जीवनसाथियों के पैन नंबर, आयकर रिटर्न की स्थिति सहित सभी आवश्यक जानकारी ईमानदारी से दी है। नामांकन फॉर्म में स्वेच्छा से जानकारी देने के लिए कॉलम जोड़ना न तो फॉर्म को दोषपूर्ण बनाता है और न ही यह कोई कानूनी उल्लंघन है।
यह मानना गलत होगा कि बहुविवाह की प्रथा रखने वाले समुदायों से आने वाले उम्मीदवार, यदि वे स्वेच्छा से जानकारी देते हैं, तो वे चुनावी योग्यता खो बैठते हैं,” कोर्ट ने टिप्पणी की। कोर्ट ने यह भी कहा कि दूसरी शादी की वैधता पर विचार करना इस मामले के निपटारे के लिए जरूरी नहीं है, क्योंकि याचिका केवल इस आधार पर चुनाव रद्द करने की मांग कर रही थी कि नामांकन पत्र झूठा है, जबकि इसमें कोई धोखाधड़ी नहीं पाई गई।