Ongoing wave of power change : अधिनायकवाद, झूठ, आंकड़ेबाजी, बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी के बूते कोई भी सरकार अधिक दिनों तक टिक नहीं सकती। देश की करेंसी का गिरता मूल्य केवल मनमाने ढंग से चार गुनी छापने के कारण ही है।वित्त मंत्री सत्य कहने की हिम्मत जुटा नहीं पातीं और कहती हैं रुपया नहीं गिर रहा, डॉलर का मूल्य बढ़ रहा। सौ दिन में स्विस बैंक से कालाधन लाने के दावे करने वाली सरकार के ही काल में कालाधन चार गुना बढ़ जाए तो क्या कहेंगे? नोट बंदी के दावे कि देश में जमा तीन से चार लाख करोड़ बाहर आने के दावे करने वाली सरकार के समय ही नई छापी गई 500 और 2000 की करेंसी जिसका मूल्य 9लाख करोड़ बाजार में चलन से बाहर होकर काले धन के रूप में स्विस बैंकों (Swiss banks) में जमा हो जाएं।
स्विस सरकार द्वारा चार बार खातेधारकों की सूची सरकार को भेजने के बावजूद उनके नाम सार्वजनिक नहीं कर उन्हे बचाने के लिए कहा जाना कि स्विस बैंक में जमा सारा धन कालाधन नहीं है,इसे क्या कहेंगे?नोटबंदी कर लाखों छोटे उद्योग बंद कर दिए गए और कई लाख लोग बेरोजगार हो गए तो क्या कहेंगे? 500 और 1000 की बड़ी नोट रद्दी बनाकर 2000 की नई करेंसी छापना जिससे कम स्थान में अधिक कालाधन जमा करने में सुविधा हो क्या कहेंगे?गुजरात महाराष्ट्र गोवा दमन दीव में एकाएक भारी मात्रा में ऐन विधानसभा चुनाव के समय ही ड्रग्स पकड़े जाएं तो इसे क्या कहेंगे?गुजरात में ही तमाम ड्रग शोधन फैक्ट्रियां लगी हों जो शोधन कर उम्दा ड्रग बनाकर देश के युवा वर्ग को नशे की गिरफ्त में लेकर भविष्य बरबाद करने में जुटी हो तो इसे क्या कहेंगे?
तमाम सरकारी उद्योग पानी के मोल अपने मित्रों को 35 वर्ष का कानून बदलकर 90 वर्ष की लीज पर दे दिए जाएं तो उसे अपने डोनरों को उपकृत करना नहीं तो क्या कहेंगे?अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियां देश में भूखमरी और कुपोषण में टॉप पर बताएं, 80 प्रतिशत लोगों को गरीब समझकर जनता के टैक्स से खरीदे अनाज को मुफ्त कहकर देने को क्या कहेंगे? सारी वस्तुओं को जी एस टी में लाने के बावजूद पेट्रोल डीजल को जी एस टी में नहीं लाने के बहाने में विरोधी दलों की प्रांतीय सरकारों पर आरोप मढ़ने को क्या कहेंगे? बढ़ती जाती मंहगाई को कागज़ी आंकड़ेबाजी करके झुठलाने को क्या कहेंगे?पिछले आठ वर्षों से रेलवे में और पांच वर्षों से फौज में भर्ती नहीं करने को क्या कहेंगे? सेना के नाम पर चार साल के लिए अग्निविर योजना चलाने और चार साल बाद फिर वही बेरोजगारी का दंश झेलने को बाध्य करने वाली योजना को क्या कहेंगे? पांच वर्ष में एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने के वादे कर केवल 15 लाख लोगों को नौकरियां देने के दावे पर क्या कहेंगे? बढ़ती मंहगाई के कारण देश वासियों की थाली से शब्जी, बच्चों के मुंह से दूध छूट जाने और मंहगाई मंजूर नहीं करने के दावे को क्या कहेंगे?
अधिनायकवाद के कारण महाराष्ट्र के मध्यावधि चुनाव में नोटा की बटन दबाने की पुर जोर वकालत के बावजूद उद्धव ठाकरे के प्रत्याशी की जीत को क्या कहेंगे?झारखंड की चुनी सरकार को गिराने में असफलता को क्या कहेंगे? बिहार सरकार से नीतीश कुमार के बाहर निकलकर लालू यादव से हाथ मिलाने को क्या कहेंगे?
इन सारे सवालों के जवाब के लिए गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हो रहे चुनाव के परिणाम आने पर ही उत्तर मिलेंगे।गुजरात चुनाव में अरविंद केजरीवाल के जनहित कार्य अब वोटरों के सिर चढ़कर बोलने लगे हैं।कहीं ऐसा तो नहीं होगा कि गुजरात में भाजपा सत्ता से बाहर हो जाए?हिमाचल प्रदेश का युवा जो सेना में जाना अपनी आन बान और शान समझते हैं चार साल की अग्निवीर योजना से उन्हें अपना भविष्य अंधकार मय दिखाने लगा है।
उनकी नाराजगी कहीं हिमाचल प्रदेश की सत्ता से भाजपा को बाहर कर दे। इतना निश्चित है यदि विधानसभा चुनाव में एक भी राज्य में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई तो उसके लिए 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए खतरे की घंटी सिद्ध होगी। मान लिया जाए कि भाजपा को अधिक सीटें मिल भी गई और वह सरकार बनाने के जादुई आंकड़े से यदि 50 सीटों से पिछड़ गई तो देश का कोई भी दल उसे समर्थन नहीं देगा। अगर ऐसा हुआ तो देश की सर्वोच्च सत्ता से भाजपा बाहर होकर बेरोजगार हो जाएगी।