
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में उद्धव ठाकरे और उनके परिवार को राहत दी है। हाईकोर्ट के सामने एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें मांग की गई है कि मामले की जांच सीबीआई या ईडी द्वारा कराई जाए। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता गौरी भिड़े पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
खुद को गंभीर और सतर्क नागरिक बताते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि वह भारत सरकार की आय से अधिक संपत्ति का पता लगाने में मदद करना चाहती हैं। न्यायमूर्ति धीरज ठाकुर और न्यायमूर्ति वाल्मीकि मेनेजिस की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में कहा गया कि भिड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लड़ाई से प्रभावित हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पास यह दिखाने के लिए सबूत हैं कि ठाकरे परिवार ने अवैध तरीके से संपत्ति जमा की है। इसमें दावा किया गया कि उद्धव ठाकरे और उनके परिवार ने कभी अपनी आय के आधिकारिक स्रोत के रूप में किसी सेवा, पेशे या व्यापार का खुलासा नहीं किया है। ठाकरे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आस्पी चिनॉय और अशोक मुंदरगी ने दलील दी कि धारणाओं के आधार पर जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब को राहत
इस बीच बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब को रत्नागिरी जिले के दापोली में एक रिसॉर्ट से जुड़े धन शोधन के एक मामले में दंडात्मक कार्रवाई से 20 मार्च तक अंतरिम राहत प्रदान की। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के एक नेता परब ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले को रद्द करने की मांग करते हुए कोर्ट का रुख किया था। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख 20 मार्च तक उनके खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई (जैसे गिरफ्तारी) नहीं की जानी चाहिए।
पूर्व मंत्री मुश्रीफ के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं: ईडी से हाईकोर्ट
वहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता हसन मुश्रीफ के खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में दो सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उन्हें इस अवधि के दौरान अग्रिम जमानत अर्जी के साथ सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा। ईडी द्वारा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की मांग को लेकर मुश्रीफ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोल्हापुर के कागल विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने पिछली महा विकास अघडी (एमवीए) सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कार्य किया था। ईडी ने सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड (जहां मुश्रीफ के बेटे नाविद, आबिद और साजिद निदेशक या हितधारक हैं) को दो कंपनियों से बिना पर्याप्त कारोबार के कई करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के आरोप लगाए हैं।
चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया
इस बीच महाराष्ट्र ATS ने नवी मुंबई से बिना वैध दस्तावेजों के चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान मो. जीनत शेख, मो. सुमोद सिकंदर, रिपा जन्नत शेख और मुन्नी शिकदार के रूप में हुई है। उन्हें नवी मुंबई पुलिस को सौंपा है।
‘पुरानी पेंशन योजना’ को लेकर प्रदर्शन
महाराष्ट्र राज्य सरकार के कर्मचारियों ने ‘पुरानी पेंशन योजना’ की मांग को लेकर पुणे में विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ पुरानी पेंशन योजना पर बैठक की। इसमें महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने पुरानी पेंशन योजना के लिए एक समिति के गठन का फैसला किया। राज्य सरकार के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली। एसोसिएशन ने सरकार को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए समय देने का फैसला किया है। सीएमओ ने यह जानकारी दी है।