
मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई के नौसेना अधिकारी परिवार आवासीय क्षेत्र (NOFRA) में स्थित जीई (एनडब्ल्यू) कार्यालय के जूनियर इंजीनियर (बी/आर) डीसी पांडे को 4.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी एक ठेकेदार की शिकायत पर की गई, जिसमें आरोप था कि पांडे शिकायतकर्ता की फर्म के लंबित बिलों को पास कराने के लिए कुल 5.5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत पर सीबीआई ने 5 जून को मामला दर्ज किया और तकनीकी निगरानी के तहत बातचीत के बाद यह पुष्ट हो गया कि पांडे 4.5 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार करने के लिए सहमत हो गया था। उसी दिन जाल बिछाकर सीबीआई की टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।
अदालत में पेशी और रिमांड:
गिरफ्तारी के बाद डीसी पांडे को 6 जून को मुंबई स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपी को 9 जून तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है ताकि आगे की पूछताछ की जा सके। सीबीआई की टीमें मुंबई और रुड़की स्थित आरोपी के आवासीय और कार्यालय परिसरों की तलाशी भी ले चुकी हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, इस मामले में अन्य अधिकारियों की संभावित संलिप्तता और अतिरिक्त सबूतों की तलाश जारी है। यह गिरफ्तारी रक्षा क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक और परत खोलती है। सरकारी बिलों की मंजूरी के बदले रिश्वत की मांग करना ना केवल घोर अनैतिक है, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ी संस्थाओं की छवि को भी धूमिल करता है। इस कार्रवाई को नौसेना ठेकों और रक्षा संबंधी परियोजनाओं की निगरानी को लेकर एक सख्त संदेश माना जा रहा है। सीबीआई की इस त्वरित कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावशाली कदम माना जा रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि इससे रक्षा विभाग में पारदर्शिता बढ़ेगी।