Thursday, March 28, 2024
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संपादकीय:- ईडी की किरकिरी कोर्ट में क्यों?

राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली शराब के कथित घोटाले के साक्ष्य गढ़ पाने में ईडी की विफलता और बीजेपी की साजिश बेनकाब हो गई। भाजपा पहले दिल्ली की आप पार्टी पर प्रेस कांफ्रेंस कर के शराब घोटाले में सौ करोड़ साउथ की एक कथित पार्टी से घूस लेने के आरोप पर आरोप लगाती रही है। ईडी ने मनीष सिसौदिया अप मुख्यमंत्री और नरेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। दिल्ली सरकार की कथित नई नीति की चर्चा रोज ही बीजेपी करती रही। दिल्ली की आप पार्टी को भ्रष्ट कहते थकती नहीं थी। गोदी मीडिया तो दिन रात आप को भ्रष्ट बताने की प्रतिस्पर्धा करने लग गई थी। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश में दिल्ली सरकार के किसी व्यक्ति द्वारा एक पैसे घूस नहीं लेने की बात ईडी प्रमाणित नहीं कर पाई। सौ करोड़ में सत्तर करोड़ का कोई साक्ष्य ईडी पेश नहीं कर पाई। जिस व्यक्ति के द्वारा साउथ की कथित पार्टी से तीस करोड़ लाकर आप पार्टी को देने का आरोप ईडी द्वारा लगाया गया था। उस व्यक्ति ने कोर्ट में बताया कि दबाव डालकर उससे बयान दिलाया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रेस कांफ्रेंस कर कहने लगे कि हम पर वह कथित सौ करोड़ घूस लेकर गोवा चुनाव में खर्च करने का आरोप लगाया गया था खुद ईडी ने गोवा के उन लोगों को गिरफ्तार करके जानकारी ली तो मालूम हुआ कि गोवा चुनाव में आप पार्टी ने मात्र उन्नीस से बीस लाख नकद में खर्च किया था। अतः यह वार भी खाली हो गया। ईडी ने पांच छ: जिन गवाहों को कोर्ट में पेश किया था।सभी अपने बयान से मुकर गए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्हें मार पीटकर झूठी गवाही देने को कहा। एक कथित गवाह को इतना मारा गया कि उसके कान के परदे ही फट गए। कोर्ट ने आप पार्टी को बेगुनाह होने के सबूत दिए। ईडी ने इसी मामले में आप सांसद संजय सिंह का नाम आरोपी लिस्ट में डाल दिया था लेकिन जब संजय सिंह ने ईडी के खिलाफ मुकदमा दायर करने की धमकी दी तब ईडी घुटनों के बल आ गई और तुरंत क्षमा याचना करते हुए भूल से नाम आना स्वीकार कर लिया। इस पर तंज कसा अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री दिल्ली राज्य सरकार ने कि गलती से नाम चढ़ना था तो किसी भाजपा मंत्री का नाम क्यों नहीं चढ़ गया। संजय सिंह का ही नाम क्यों आया? बात भी सही है। संजय सिंह का नाम कूटनीतिक तरीके से उन्हें डराने और जेल भेजने की साजिश के तहत नाम डाला गया।
अब आप पार्टी जबसे कोर्ट द्वारा बेगुनाह करार की गई है आप पार्टी के मंत्री अलग अलग प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर हमला करने लगे हैं। इसीलिए कहा गया है, सत्यमेव जयते। सत्य परेशान हो सकता है जैसे आप पार्टी के उप मुख्यमंत्री और मंत्री दोनों को जेल भेजा गया था। कोर्ट के फैसले से आप पार्टी खुद को पाक साफ कह रही है। वैसे यह पार्टी हमेशा से ही ईमानदारों की पार्टी कहती आई है। बात भी सही है। किसी ईमानदार आदमी के ऊपर आरोप मढ़कर जेल में डाला जा सकता है लेकिन उसे जेल में हमेशा रखा नहीं जा सकता। यह ईडी की बदनामी कम बीजेपी शीर्ष की छीछालेदर से कम नहीं है। झूठा केस घड़ने के लिए पुख्ता सबूत लाने की जरूरत होती है। एक तरफ अब आप पार्टी बीजेपी पर हमला करने में नहीं चूकेगी। देखना यह है कि भाजपा नेतृत्व दूसरी कौन सी शतरंजी गोटी चलता है। अब शायद ईडी और सीबीआई कोर्ट में अपनी किरकिरी होने को पचा नहीं पाएगी इसलिए वह फर्जी आरोप अब नहीं लगाएगी क्योंकि ईडी ने दर्जन भर सिम कार्ड यूज कर फेंकने का जो आरोप लगाए थे। वे सभी अभी चालू हालत में हैं। चार-पांच तो जांच एजेंसी के कब्जे में अभी है। कोर्ट के इस फैसले से जनता के बीच आप पार्टी की ईमानदार पार्टी होने का विश्वास कायम होगा। जिस पर झूठे आरोप लगाकर जेल भले भेजा गया हो लेकिन सच आईने की तरह साफ दिखता है।

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