
मुंबई। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने “ऑपरेशन अलकेमिस्ट” के तहत दुबई से भारत में सोने की तस्करी करने वाले एक संगठित अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए न केवल 8.93 करोड़ रुपये मूल्य का अवैध सोना जब्त किया, बल्कि मुंबई में एक अवैध सोना पिघलाने वाली प्रमुख सुविधा का भी पर्दाफाश किया है। अब एजेंसी इस मामले से जुड़े हवाला रैकेट और विदेशी नागरिकों की भूमिका की भी गहराई से जांच कर रही है। सोमवार को की गई कार्रवाई में डीआरआई ने कुल सात व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई हवाई अड्डे के जरिये तस्करी किए गए 18 अंडे के आकार के कैप्सूल, जिनमें सोना छिपा था, उन्हें एक पिघलाने वाली गैरकानूनी सुविधा में छह बार में बदला गया, जिनका कुल वजन 8.74 किलोग्राम था। डीआरआई अधिकारी ने बताया कि पिघलाने वाले केंद्र से बाहर निकलते समय दो व्यक्तियों को रोका गया और उनके पास से सोने की बार जब्त की गई। केंद्र की तलाशी में दो ऑपरेटर पकड़े गए जो तस्करी के सोने को बार में तब्दील करने में सक्रिय थे। इस कार्रवाई के बाद दो अन्य आरोपियों को पकड़ा गया, जो तस्करी किए गए कैप्सूल को एकत्र करने में शामिल थे, साथ ही इस संचालन का मुख्य सरगना भी गिरफ्तार किया गया। अब एजेंसी हवाला चैनलों, वितरण नेटवर्क, फंडिंग स्रोतों और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों की पहचान में जुटी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह सिंडिकेट कई देशों में फैला हुआ है, जिससे इस अवैध व्यापार की वैश्विक प्रकृति स्पष्ट होती है।
डीआरआई के मुताबिक आरोपी गंभीर आर्थिक अपराधों में शामिल हैं जो देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा हैं। तस्करी, हवाला लेनदेन और प्रतिबंधित वस्तुओं की अवैध खरीद-फरोख्त का यह संगठित जाल अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। जांच फिलहाल निर्णायक मोड़ पर है, जहां अधिकारियों की नजर सिंडिकेट के बाकी सदस्यों और उनके नेटवर्क तक पहुंचने पर है। इस ऑपरेशन को भारत की आर्थिक सुरक्षा के विरुद्ध कार्य कर रहे वैश्विक आपराधिक गठजोड़ों के खिलाफ एक निर्णायक प्रहार माना जा रहा है।