
मुंबई। पंढरपुर की आषाढ़ी वारी महाराष्ट्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक मानी जाती है। इस वर्ष वारी में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई एक अभिनव पहल– ‘दिंडी जागरूकता- आपदा प्रबंधन’ को वारकरों से भरपूर सराहना मिल रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन के मार्गदर्शन में चल रही इस पहल का उद्देश्य लाखों वारकरों के बीच आपदा के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस दिंडी की विशेषता यह है कि यह धार्मिक आस्था के साथ-साथ सुरक्षा का संदेश भी दे रही है। बाढ़, चक्रवात, सूखा, भीड़ नियंत्रण जैसी आपदाओं की जानकारी आकर्षक झांकियों, सूचनात्मक स्टॉलों, नुक्कड़ नाटकों, मोबाइल वैन और सरल भाषा वाले ब्रोशर के माध्यम से दी जा रही है। “आपदा से डरो मत, तैयार रहो” जैसे सकारात्मक नारों ने वारकरों के बीच खास उत्साह उत्पन्न किया है। यह अभियान 19 जून से प्रारंभ हुआ है और 6 जुलाई आषाढ़ी एकादशी तक जारी रहेगा। इस दौरान बनाए गए 4 विशेष चित्ररथों और 60 लोगों की टीम के माध्यम से वारी मार्ग पर व्यापक जनजागृति की जा रही है। इन चित्ररथों में विट्ठल-रखुमाई के चित्र, संत परंपरा का चित्रण और आपदा प्रबंधन के उपायों को प्रभावी रूप से दर्शाया गया है। वारकरियों ने इस पहल को बेहद उपयोगी बताया है। संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम महाराज की पालकियों के पीछे चल रही दिंडी, न केवल भक्तिभाव में लीन वारकरों को ध्यान खींच रही है, बल्कि उन्हें यह भी सिखा रही है कि संकट के समय कैसे सजग रहना है और जान-माल की रक्षा करनी है। गिरीश महाजन ने कहा कि यह अभियान सिर्फ जागरूकता नहीं, बल्कि सामाजिक प्रतिबद्धता का आदर्श है। यह संपूर्ण पहल राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन क्षमता को जनभागीदारी से जोड़ने का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन रही है। एक ऐसी ‘जागरूक और सुरक्षित वारी’ की ओर अग्रसर।