मुंबई। केंद्र और महाराष्ट्र सरकारों में मंत्री रहे बबनराव ढाकने का संक्षिप्त बीमारी के बाद यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके सहयोगियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ढाकने 86 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनके छोटे बेटे और बहू हैं, दोनों राजनीतिक में हैं। बबनराव ढाकने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शेखर की सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री थे। वह महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। राज्य की सरकार में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। एक सहयोगी के अनुसार, ढाकने निमोनिया और अन्य बीमारियों से पीड़ित थे, जिसके लिए उन्हें तीन सप्ताह पहले एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, इलाज के दौरान उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और दिल का दौरा पड़ने के बाद गुरुवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। नेता के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को आम लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा। अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर को अहमदनगर के पगोरी-पिंपलगांव गांव में किया जाएगा। एक युवा छात्र के रूप में, ढाकने ने अपना पहला राजनीतिक आंदोलन 1951 में किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात की थी जिसके बाद वे राजनीति में पूरी तरह से कूद पड़े। इन वर्षों में, वह कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसी कई पार्टियों से जुड़े रहे। इंदिरा गांधी, वी.पी. सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों और केंद्र तथा राज्य की राजनीति के अन्य दिग्गजों के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे। उन्होंने गोवा मुक्ति आंदोलन, किसानों, कामगारों, मजदूरों, गन्ना किसानों, बेरोजगार युवाओं के मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाया और जीवन भर उनके लिए कई अभियान, धरने-प्रदर्शन किए। राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और अन्य नेताओं ने ढाकने के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है और उन्हें ”आम जनता का एक ईमानदार नेता” बताया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से नेतृत्व के पुराने युग से संबंध टूट गए हैं।