
मुंबई। जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में गोलीबारी के आरोपी और आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह को रेलवे ने सर्विस से बर्खास्त कर दिया है। चेतन पर आरोप है कि उसने चलती ट्रेन में अपने सीनियर टीकाराम मीणा सहित 3 अन्य यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस गोलीबारी में मरने वाले रेलवे कर्मचारी टीकाराम मीणा के अलावा मृतकों की पहचान पालघर से ताल्लुक रखने वाले अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (58), बिहार के मधुबनी के असगर अब्बास शेख (48) और सैयद एस. (43) के रूप में हुई थी। इस वक्त आरोपी चेतन सिंह न्यायिक हिरासत में है।
आरपीएफ की हाई लेवल कमेटी कर रही थी जांच
आरपीएफ की भी एक हाई लेवल कमेटी इस मामले की जांच कर रही थी। जांच पूरी होने के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल चेतन सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। जांच में पाया गया कि चेतन सिंह ने अपने पास मौजूद हथियार का गैर इस्तेमाल किया, हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया। सरकारी सर्विस के नियमों का उल्लंघन किया। इसके साथ ही इस केस में जीआरपी की जांच में बुर्के वाली महिला से धार्मिक नारा लगवाने की भी बात सामने आई है, जिसकी जांच जीआरपी कर रही है। आरपीएफ की हाई लेवल कमेटी अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के नेतृत्व में गठित की गई थी। इस कमेटी में पश्चिम रेलवे के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त पीसी सिन्हा, मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त अजॉय सदानी, प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक नरसिंह शामिल थे। उत्तर पश्चिम रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक जेपी रावत और पश्चिम मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी प्रभात भी कमेटी में शामिल थे। इन्हीं अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जबी आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी पर ऐसे आरोप लगे हो। पहले भी तीन बार उनपर नफरत मामले में केस हो चुका है। इसमें आरपीएफ पोस्ट पर एक मुस्लिम व्यक्ति से कथित उत्पीड़न से जुड़ा मामला भी शामिल है। लेकिन इस केस के बारे में जब रेलवे के सीनियर अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने जांच का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जबी आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी पर ऐसे आरोप लगे हो। पहले भी तीन बार उनपर नफरत मामले में केस हो चुका है। इसमें आरपीएफ पोस्ट पर एक मुस्लिम व्यक्ति से कथित उत्पीड़न से जुड़ा मामला भी शामिल है। लेकिन इस केस के बारे में जब रेलवे के सीनियर अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने जांच का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। यह मामला 2017 में हुआ था तब चेतन RPF डॉग स्क्वाड में शामिल था। जब चेतन के खिलाफ जांच हो रही थी तब पता चला कि साल 2011 की में भी इसने हरियाणा के जगाधरी में तैनाती के दौरान एक सहकर्मी के एटीएम कार्ड से कथित तौर पर 25,000 रुपये निकाल लिया था, जिसकी जांच भी की गई थी। इसके बाद गुजरात के भावनगर में अपनी पोस्टिंग के दौरान उसका एक साथी के साथ मारपीट करने का मामला भी सामने आया था। जिसके बाद विभागीय जांच कमिटी बैठी और जांच के बाद चौधरी को दूसरी यूनिट में ट्रांसफर कर दिया गया था।