* प्रशासनिक आदेश को बार-बार ठेंगा दिखा रही हैं ससाने!
* बदली आदेश के बाद भी दुय्यम अभियंता प्रशांत पाटिल पर
महेरबान सहा.आयुक्त अलका ससाने?

संवाददाता
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका(बीएमसी) के एच/पूर्व विभाग की सहायक आयुक्त अलका ससाने की कार्यप्रणाली को देखने के बाद ऐसा लगता हैं यहां पर लोकतांत्रिक व्यवस्था दम तोड़ रहीं हैं और राजशाही व्यवस्था हावी दिख रहीं हैं! और यहां कि सहायक आयुक्त अलका ससाने जो बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल व प्रशासनिक आदेशों के विपरीत काम कर रही हैं, मतलब यहां इनका राज चलता हैं ऐसा कहना गलत नहीं होगा। मिली जानकारी के अनुसार मानसून के दौरान मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने दिनांक: २० अप्रैल २०२२ को मुम्बई शहर व मुंबई पश्चिम उपनगर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इलेक्शन मतदान केंद्रस्तरीय अधिकारी के रूप मे ड्यूटी पर गए बीएमसी अधिकारियों को वापस बीएमसी में भेजने की बात कही थी। लेकिन अलका ससाने ने ससाने ने मानसून के समय में दिनांक: १२ अगस्त २०२२ को दुय्यम अभियंता सुजीत भोजने को इलेक्शन ड्यूटी पर भेज दिया। मतलब आयुक्त का आदेश कचरे की कुंडी के लिए था। दूसरी तरफ मनपा आयुक्त के आदेश क्र एमसीजी/एफ/६५१६ दिनांक:२३.३.२०२२ को दुय्यम अभियंताओं की बदली का आदेश जारी किया गया था। जिसमें करीब ८ सालों से बीएमसी एच/पूर्व में कार्यरत दुय्यम अभियंता प्रशांत पाटिल का भी नाम शामिल था। लेकिन सहायक आयुक्त अलका ससाने का खास होने के चलते ससाने ने पाटिल को नहीं छोड़ा। यहीं नहीं उन्होंने मानसून के दौरान दुय्यम अभियंता सवाई को इतना मजबूर कर दिया कि उसने ६ महीने में ही वार्ड से अपनी बदली कर ली, जिसे इन्होंने तुरंत छोड़ दिया। लेकिन प्रशांत पाटिल क्यों नहीं छोड़ रही है? सहायक आयुक्त अलका ससाने के लिए प्रशासनिक आदेश कचरे का ढेर है! यहीं नहीं जो अभियंता या कर्मचारी इनके मनमानी कार्यभार को नहीं स्वीकार करता, उसको या तो वार्ड से भागा दिया जाता हैं या वह खुद मजबूर होकर अपनी बदली करा लेते हैं। जैसे रोड अभियंता भराडे जो मानसिक रूप से बीमार हो गया और ६ महीने में ही अपनी बदली करा लिया। और अब दुय्यम अभियंता सुजीत भोजने ने भी अपनी बदली करा ली हैं। इसके अलावा बांद्रा नवपाड़ा में तीन ५ मंजिला अवैध इमारत खड़ी हो जाती हैं और इमारत बनाने के बाद ३५४ ए का नोटिस देकर भूमाफियाओं को कोर्ट जाने का जो साजिश पदनिर्देशित अधिकारी व कनिष्ठ अभियंता मुत्रक ने जो काला कारनामा किया हैं उससे मनपा की छवि धूमिल हुई हैं। जो नोटिस इमारत बनाते समय देना चाहिए था उसे इमारत बनाने के बाद दिया जाता हैं और एक साल से सिर्फ इमारत को प्रोटेक्शन देकर ५ मंजिला बनने दिया गया और अलका ससाने मौन रहीं। जो जांच का विषय हैं। वहीं इनके मनमानी प्रशासनिक कार्य प्रणाली की एक रिपोर्ट परिमंडल ३ के पूर्व उपायुक्त ने अतिरिक्त आयुक्त को सौंपी थी। लेकिन इनके राजशाही व्यवस्था के आगे मनपा आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त लाचार नजर आ रहे हैं। जिसके चलते एच/पूर्व के अधिकारियों, अभियांताओं व कर्मचारियों का मानसिक शोषण जारी हैं।