ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने 2020 के एक हत्या के मामले में नवी मुंबई के दो मजदूरों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा। अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पी एम गुप्ता ने 27 मार्च को आदेश पारित किया, जो शनिवार को उपलब्ध कराया गया।
2020 में हुई थी महिला की मौत
दोनों आरोपी तुर्भे में पीड़ित संतोष कस्बे में ही रहते थे। अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि 20 जनवरी, 2020 को पीड़िता काम के लिए घर से निकली थी और वापस नहीं लौटी। जब उसकी पता लगाने के लिए फोन किया जा रहा था तो, उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ पाया गया था। इसके दो दिन बाद महिला का शव मोहल्ले में बोरे में लिपटा मिला था।
हथौड़े और पत्थर से किया महिला पर वार
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी रात में शराब पी रहे थे, जब पीड़िता घटनास्थल पर पहुंची। इसके बाद उन सभी में झगड़ा शुरू हो गया। आरोप है कि इसके बाद आरोपी ने पत्थर और हथौड़े से महिला पर वार कर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, घटना को अंजाम देने के बाद दोनों ने घटनास्थल की सफाई की और पीड़ित के शरीर को एक बोरे में भर दिया।
न्यायाधीश ने दोनों दोषियों को किया रिहा
न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को रिहा करने के दौरान अपने आदेश में कहा कि घटना आधी रात के आसपास हुई थी, जब लोग आमतौर पर सो रहे होते हैं। आदेश में कहा गया है कि हमला 10 से 15 मिनट तक चला होगा और पड़ोसियों ने झगड़ा और चीख-पुकार सुनी होगी। उन्होंने आगे बताया कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत गवाह मामले का समर्थन नहीं कर रहे थे और यह साबित करने के लिए कोई प्रत्यक्ष या वैज्ञानिक सबूत नहीं था कि आरोपी ने सबूत नष्ट करने का प्रयास किया था।