
मुंबई। एनसीपी (शरद पवार गुट) की वरिष्ठ नेता और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करने वाले पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, क्योंकि वह उस समय एक बहुदलीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की ओर से चार देशों की यात्रा पर थीं। चार देशों- कतर, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र और इथियोपिया के दौरे से लौटने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सुले ने कहा, “यह यात्रा अत्यंत सफल रही। इन चारों देशों ने भारत के प्रति एकजुटता जताई और आतंकवाद की हर घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह दौरा केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में आयोजित किया गया था, ताकि पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी अड्डों को ध्वस्त करने की भारत की सैन्य प्रतिक्रिया को वैश्विक मंचों पर उचित समर्थन मिल सके। सुले ने यह भी कहा-हमारी पार्टी का यह स्पष्ट मत है कि फिलहाल इस विषय पर संसद में चर्चा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर अभी चल रहा है। जब मानसून सत्र शुरू होगा, तब हम सरकार से पहलगाम हमले और उससे जुड़ी रणनीति पर प्रश्न जरूर पूछेंगे। सांसद ने यह भी बताया कि उन्होंने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं को सूचित किया है कि वे अब विदेश दौरे से लौट आई हैं और अब इंडिया ब्लॉक की बैठकों में नियमित भाग लेंगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में कांग्रेस सहित 16 विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि संसद का आगामी मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा।
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। इसके जवाब में भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी, जिसके तहत PoK में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया।