
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देते वक्त अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री शिंदे ने दिन में सहायद्रि अतिथि गृह में ओबीसी और घुमंतू जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक के दौरान इन प्रतिनिधियों ने अपनी मांग सरकार के समक्ष रखी। शिंदे ने कहा सरकार का रुख है कि किसी भी समुदाय के आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मराठा समुदाय को आरक्षण देने के दौरान बाकी समुदायों के आरक्षण प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार घुमंतू जनजातियों के साथ मजबूती से खड़ी है। शिंदे ने कहा कि अधिकारियों को ओबीसी विद्यार्थियों के लिए 72 छात्रावास खोलने के निर्देश दिए गए हैं। फडणवीस ने कहा कि चार हजार करोड़ रुपये की योजना लागू की जा रही है। राज्य के वित्त विभाग को संभाल रहे पवार ने कहा कि घुमंतू जनजातियों के समुदाय के लिए बजट में बड़ी राशि आवंटित की जाएगी। इस बीच, बैठक में शामिल राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के महासचिव सचिन राजुरकर ने कहा कि फडणवीस चंद्रपुर जाएंगे और रवींद्र टोंगे का 19 दिन से जारी अनशन को समाप्त कराएंगे। टोंगे राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की छात्र इकाई के प्रमुख हैं और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने ओबीसी आरक्षण में मराठा समुदाय को शामिल करने का भी विरोध किया है। राजुरकर ने दावा किया कि टोंगे राज्य सरकार के आश्वासन के बाद शनिवार को अपना अनशन समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा कि ‘चंद्रपुर बंद’ के आह्वान को भी वापस ले लिया गया है। हालांकि, फडणवीस के कार्यालयों के सूत्रों ने बस इतना कहा कि उनके शनिवार को चंद्रपुर जाने की संभावना है।