Friday, June 27, 2025
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मीठी नदी सफाई घोटाला: बीएमसी इंजीनियर प्रशांत रामुगाड़े की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, निदेशकों को मिली राहत

मुंबई। मीठी नदी सफाई घोटाले से जुड़े बहुचर्चित मामले में गुरुवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब मुंबई सत्र न्यायालय ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के इंजीनियर प्रशांत रामुगाड़े की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया है। कोर्ट का विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा। इस मामले में अन्य आरोपी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (MAPTROP) के निदेशक दीपक मोहन और किशोर मेनन को सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत दी है। अदालत ने अपने विस्तृत आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया इन निदेशकों की साजिश में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं पाई गई है।
क्या है आरोप?: प्राथमिक आरोप है कि MAPTROP ने बीएमसी अधिकारियों, ठेकेदारों और सह-आरोपी केतन कदम (विर्गो स्पेशियलिटीज प्रा. लि. के सीईओ) के साथ मिलकर 2020 में मीठी नदी से गाद निकालने के टेंडरों में गैरकानूनी नियम व शर्तें शामिल कराईं, ताकि केवल वही मशीनें शामिल हों जिन्हें MAPTROP वितरित करता है—जैसे कि स्टिल्ट पुशिंग पोंटून मशीन (SPPM) और मल्टीपर्पस एम्फीब्लस पोंटून मशीन (MAPM/ट्रक्सर)। आरोप है कि इस साजिश के तहत ठेकेदारों को या तो MAPTROP से मशीनें खरीदने के लिए बाध्य किया गया या विर्गो स्पेशियलिटीज से ऊंचे किराए पर मशीनें लेने को मजबूर किया गया, जिससे बीएमसी को आर्थिक नुकसान पहुंचा।
कोर्ट ने क्या कहा? : न्यायालय ने कहा कि “MAPTROP मशीनों का भारत में एकाधिकार वितरक है। केवल इस आधार पर कि MAPTROP ने मेसर्स अभिराज को महाराष्ट्र के लिए उप-वितरक नियुक्त किया था, यह नहीं कहा जा सकता कि MAPTROP ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर किसी तरह की आपराधिक साजिश रची थी। कोर्ट ने यह भी माना कि अभियोजन पक्ष के पास निदेशकों की भूमिका को साजिशकर्ता के रूप में दर्शाने के लिए पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं। प्रशांत रामुगाड़े के पास अब उच्च न्यायालय में अपील करने का विकल्प है। वहीं, पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) इस मामले में और गहराई से जांच कर रहे हैं, जिसमें ठेकेदारों, बीएमसी अधिकारियों और निजी कंपनियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। यह मामला महाराष्ट्र की सबसे महत्वपूर्ण शहरी पर्यावरण परियोजनाओं में से एक में संभावित भ्रष्टाचार को उजागर करता है, और आने वाले समय में इससे जुड़ी और गिरफ्तारियां या खुलासे होने की संभावना है।

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