मुंबई: महाराष्ट्र में कफ सिरप के छह निर्माताओं के लाइसेंस नियमों के उल्लंघन के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। इसकी जानकारी राज्य सरकार ने विधान सभा को दी है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड़ ने शुक्रवार को विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक आशीष शेलार व अन्य के ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।
राठौड़ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कफ सिरप के 108 निर्माताओं में से 84 के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उनमें से चार को उत्पादन बंद करने का निर्देश दिया गया, जबकि छह कंपनियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि नियमों के उल्लंघन के लिए 17 फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शेलार ने कथित तौर पर भारत से आयातित कफ सिरप के कारण गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत का जिक्र किया।
लेकिन मंत्री ने कहा कि उस मामले में जिस कंपनी पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लग रहा था, वह हरियाणा में स्थित थी और उसकी महाराष्ट्र में कोई निर्माण इकाई नहीं थी।
हालांकि, हमने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के जीएमपी (अच्छे विनिर्माण अभ्यास) प्रमाणन से संबंधित नियम और फार्मास्युटिकल उत्पादों के प्रमाण पत्र का अनुपालन उत्पादों (राज्य से) का निर्यात करते समय किया जाए।
पीठासीन अधिकारी संजय शिरसाट ने कहा कि यदि 20 प्रतिशत निर्माताओं को नियमों के संदिग्ध उल्लंघन के कारण छापे का सामना करना पड़ा, तो इसे बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है क्योंकि यह लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।
राठौड़ ने कहा कि राज्य में 996 एलोपैथिक दवा निर्माताओं में से 514 अपने उत्पादों का निर्यात करते हैं।