Sunday, May 19, 2024
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प्रकाश आंबेडकर को वापसी की उम्मीद, कांग्रेस ने भाजपा का गढ़ भेदने के लिए मराठा प्रत्याशी उतारा

अकोला। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गढ़ अकोला में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है जहां बदला हुआ राजनीतिक परिदृश्य और मराठा उम्मीदवार को मैदान में उतारने की कांग्रेस की रणनीति प्रकाश आंबेडकर के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी की संभावनाओं को कम कर सकती है। महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल कांग्रेस ने डॉ अभय पाटिल को टिकट दिया है जो एक मराठा हैं, जबकि 2014 और 2019 में पार्टी ने एक मुस्लिम उम्मीदवार हिदायतुल्ला पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था। पश्चिमी विदर्भ में कभी कांग्रेस का गढ़ रहे अकोला ने वसंत साठे जैसे दिग्गज नेता को लोकसभा में भेजा था जिन्होंने 1980-82 में केंद्रीय मंत्री के रूप में सेवा दी थी। भाजपा ने 1989 में कांग्रेस के इस किले में सेंध लगा दी, जब पार्टी के नेता पांडुरंग फुंडकर ने चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद, 1996 और 1999 को छोड़कर भाजपा ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। अकोला से 1996 और 1999 में प्रकाश आंबेडकर निर्वाचित घोषित किये गये थे। विदर्भ के अकोला समेत प्रदेश के पांच निर्वाचन क्षेत्रों में 26 अप्रैल को मतदान होना है। भाजपा ने मौजूदा सांसद संजय धोत्रे के बेटे अनूप धोत्रे को टिकट दिया है। संजय धोत्रे ने 2004, 2009, 2014 और 2019 में इस सीट पर जीत हासिल की थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डॉ अभय पाटिल के मैदान में उतरने से बदला हुआ जातीय समीकरण और महाराष्ट्र में राजनीतिक गठजोड़ में फेरबदल इस बार भाजपा की संभावनाओं को कमतर कर सकता है। हालांकि, भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि पार्टी न केवल जीत हासिल करेगी बल्कि इसका मत प्रतिशत भी बढ़ेगा। उन्होंने इसके लिए केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं और मौजूदा सांसद संयज धोत्रे द्वारा किये गए विभिन्न कार्यों को रेखांकित किया। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में टूट का हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अजहर हुसैन ने कहा कि विदर्भ में एमवीए के पक्ष में लहर है। उन्होंने कहा कांग्रेस ने एक अच्छे उम्मीदवार (डॉ अभय पाटिल) को चुनावी मैदान में उतारा है, जिनकी साफ-सुथरी छवि है और लोगों से जुड़े हुए हैं। हुसैन ने दावा किया कि ‘हिंदुत्व’ वोट कांग्रेस को जाएगा क्योंकि शिवेसना (यूबीटी) उसके और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ गठजोड़ के तहत चुनाव लड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रकाश आंबेडकर नीत वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) कमोबेश अपना मत प्रतिशत बरकरार रखेगा लेकिन शहर के पढ़े लिखे लोगों का वोट कांग्रेस को जा सकता है। अकोला से भाजपा नेता और दो बार के विधायक रणधीर सावरकर ने दावा किया वोटिंग पैटर्न नहीं बदलेगा और भाजपा उम्मीदवार तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे।

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