पुणे। महाराष्ट्र सरकार ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और बेटे पार्थ पवार को ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा दी है। हालांकि विपक्ष के नेताओं ने पार्थ को सुरक्षा दिए जाने के निर्णय पर सवाल उठाये है। वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें 2 से 4 हथियारबंद सुरक्षा गार्ड, सीआरपीएफ या सीआईएसएफ के जवान होते हैं। साथ ही पुलिसकर्मी भी तैनात किए जाते है। सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को सोमवार को राज्य सरकार द्वारा ‘वाई प्लस’ सुरक्षा दी गई। सुनेत्रा पवार वरिष्ठ नेता शरद पवार के गढ़ बारामती से एनसीपी की उम्मीदवार है, उनका मुकाबला बारामती की वर्तमान सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले है। हालांकि, एनसीपी प्रवक्ता उमेश पाटिल ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि बारामती में लड़ी जा रही कड़ी लड़ाई के चलते पार्थ को वाई प्लस सुरक्षा दी गई है। पाटिल ने कहा राज्य सरकार किसी व्यक्ति को खतरे की आशंका के बारे में अपने अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद ही सुरक्षा देती है। पार्थ उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे हैं। वह विभिन्न नीतिगत निर्णय लेते हैं जो कुछ लोगों को पसंद नहीं आते। ऐसे लोग उनके परिवार के सदस्यों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इसीलिए एहतियाती कदम के तौर पर सरकार ने पार्थ को सुरक्षा मुहैया करवाया है।
विपक्ष बोला- शान बढ़ाने के लिए सुरक्षा देना गलत
पार्थ पवार को दी गई वाई प्लस सुरक्षा की आलोचना करते हुए उनके चचेरे भाई रोहित पवार ने कहा, “केवल वाई प्लस सुरक्षा ही क्यों दी गई? पार्थ पवार को उनके पिता की तरह जेड प्लस सुरक्षा दी जानी चाहिए थी। पुणे में ‘कोयता गिरोह’ खुलेआम घूम रहे हैं और आम आदमी को धमका रहे हैं, वहीं राज्य सरकार नेताओं के बच्चों की जान की रक्षा करने में व्यस्त है। यह सरकार वीआईपी और वीआईपी कल्चर को सुरक्षित रखना चाहती है। रोहित पवार शरद पवार खेमे में है और कर्जत से एनसीपी विधायक है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के बड़े नेता अंबादास दानवे ने पार्थ पवार का नाम लिए बिना कहा इन 30-40 विधायकों को कुत्ता भी नहीं पूछता है, लेकिन उन्हें सुरक्षा दी गई है। जिन्हें सुरक्षा की जरुरत है, उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए, सिर्फ शान के लिए सुरक्षा नहीं दी जानी चाहिए।