प्रयागराज। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में बीजेपी का परचम लहरा रहा है। प्रदेश की १७ नगर निगमों में बीजेपी जीत की ओर है। बस आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। हम बात करेंगे प्रयागराज की। यहां की नगर निगम पर भी बीजेपी की बंपर जीत हुई है। इससे पहले भी यहां पर बीजेपी की मेयर थीं। लेकिन इस बार हालात कुछ और थे। प्रयागराज नगर निगम के अधिकतर वार्डों पर बीजेपी का झंडा लहरा रहा है। बीजेपी के गणेश केसरवानी जीत गए हैं लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस बार मुद्दे गायब हो गए थे। लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि बीजेपी है तो विकास तो हो ही जाएगा मगर सबसे बड़ा नासूर हमारे प्रयागराज से चला गया।
विधायक राजू पाल हत्या कांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या हुई। इल्जाम आया अतीक एंड फैमली पर। फिर क्या था सीएम योगी का सख्त आदेश था कि दोषियों को बक्शा नहीं जाना चाहिए। यूपी पुलिस ने एक के बाद अपराधियों का एनकाउंटर किया। इस हत्याकांड का प्रमुख किरदार था अतीक का ‘शेर’ ।यानी उसका बेटा असद। असद मौके से फरार हो गया। पुलिस खोजती रही लेकिन नहीं मिला। इसके बाद झांसी के पास उसका एनकाउंटर हो गया। प्रयागराज के लोगों के लिए असद का एनकाउंटर बहुत बड़ी बात थी। क्योंकि उन्होंने अपनी आंखों से अतीक फैमली का अत्याचार देखा और सहा है।
प्रयागराज में सीएम योगी की दहाड़
नगर निगम में अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांगने गए प्रयागराज पहुंचे थे सीएम योगी। यहां उन्होंने अपने अंदाज और इशारों से कह दिया कि प्रयागराज न्याय करता है। सीएम योगी ने रामचरित मानस की चौपाई भी पढ़ी थी। उन्होंने कहा कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा। यानी की जो जैसा करता है वैसा फल उसको मिलता है। सीएम योगी ने कहा था कि ये प्रयागराज की धरती है। ये अत्याचार बर्दाश्त नहीं करती। वो न्याय करती है। जिन लोगों ने अन्याय किया था, उनका न्याय प्रकृति ने कर दियाष्ठ सीएम योगी की हर बात पर प्रयागराज की जनता नारेबाजी कर रही थी। आज जब वहां चुनाव है तो वोटर्स ने बीजेपी को झोली भरकर वोट भी दिया है। चकिया में बीजेपी की हार हुई है। ये वही इलाका है जहां पर अतीक अहमद का घर है या यूं कहें उनका गढ़ है।
अतीक अशरफ की हत्या
इसके बाद तारीख थी १५ अप्रैल। देर शाम तक सब कुछ सामान्य चल रहा था। अतीक अहमद और अशरफ अहमद का मेडिकल कराने पुलिस अस्पताल लेकर आई थी। मीडिया उसका इंतजार कर रही थी।जैसे ही पुलिस कड़ी सुरक्षा में उसको लेकर पहुंची तो पत्रकारों ने उनको घेर लिया और सवाल पूछने लगे। बस तभी ती न लड़कों ने ताबड़तोड़ गोलाबारी की। इसमें अतीक और अशरफ की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद प्रयागराज में सन्नाटा पसर गया था। जिसने भी ये खबर सुनी वो सन्न रह गया। खबर तो एक माफिया अपराधी के मौत की थी मगर खौफ इतना था कि लोग इस बारे में चर्चा ही नहीं करना चाहते थे। प्रयागराज का बाहुबली अतीक की हत्या हो गई थी।