
मुंबई। छात्र सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मुंबई यातायात पुलिस ने मंगलवार को शहर के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें स्कूली परिवहन वाहनों के वार्षिक सुरक्षा निरीक्षण और नए सुरक्षा मानकों पर चर्चा की गई। यह बैठक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) डॉ. प्रियंका नारनवारे के नेतृत्व में वर्ली स्थित यातायात मुख्यालय में संपन्न हुई, जिसमें स्कूली वाहनों में प्रशिक्षित महिला परिचारिका की अनिवार्यता, ड्राइवर और परिचारिकाओं का पुलिस सत्यापन, निर्धारित बस मार्गों की निगरानी और निश्चित पिक-अप व ड्रॉप-ऑफ पॉइंट तय करने जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया गया। डॉ. नारनवारे ने अधिकारियों और स्कूल प्रतिनिधियों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु तत्काल प्रभाव से इन दिशानिर्देशों को लागू करने की अपील की। बैठक में डीसीपी (यातायात – पूर्वी प्रभाग) श्री प्रदीप चव्हाण और शहर के विभिन्न यातायात प्रभागों के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भी मौजूद थे। इस बीच, मुंबई पुलिस की एक अन्य कार्रवाई में सुरक्षा चूक को लेकर चार कांस्टेबलों—प्रसाद बनकर, विट्ठल शेलके, शुभम हरचकर और बालाजी वासवे—को निलंबित कर दिया गया है। इन पर दक्षिण मुंबई स्थित एक विदेशी वाणिज्य दूतावास को लगभग आधे घंटे तक बिना सुरक्षा के छोड़ने और वहां के गार्ड रूम की चाबियाँ लावारिस छोड़ देने का आरोप है। चारों कांस्टेबल नायगांव लोकल आर्म्स डिवीजन से जुड़े हुए थे। पुलिस सूत्रों ने इस घटना को ‘घोर अनुशासनहीनता और गंभीर लापरवाही’ बताया है, जो राजनयिक सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है। दोनों घटनाओं से स्पष्ट है कि मुंबई पुलिस नागरिकों और संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर अत्यंत सजग है और किसी भी चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।