
ठाणे। महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने ठाणे और शाहपुर में दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी के आरोप में दो सरकारी कर्मचारियों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। इन कार्रवाइयों से सरकारी संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयासों को मजबूती मिली है। पहला मामला ठाणे शहर का है, जहां एसीबी ने बृहन्मुंबई और ठाणे जिलों के सुरक्षा गार्ड बोर्ड में कार्यरत एक सरकारी पर्यवेक्षक को 1,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी पर आरोप है कि उसने शिकायतकर्ता से नगर निगम द्वारा संचालित स्कूल में ‘पहली पाली’ की ड्यूटी पोस्टिंग देने के बदले रिश्वत मांगी थी। आरोपी पर्यवेक्षक सरकारी कार्यालयों में गार्डों की ड्यूटी तय करने का कार्य देखता था। दूसरी बड़ी कार्रवाई शाहपुर तहसील के खरदी ग्राम पंचायत में की गई, जहां एसीबी ने 37 वर्षीय उप-सरपंच एम.एम. शेख को 30,000 रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता ने हाल ही में खरदी गांव में एक घर खरीदा था और संबंधित दस्तावेजों को अपने नाम पर स्थानांतरित कराने के लिए जब उसने पंचायत कार्यालय से संपर्क किया, तो उप-सरपंच ने उससे कथित तौर पर 30,000 रुपए की मांग की। शिकायतकर्ता ने 13 मई को एसीबी ठाणे कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर जाल बिछाया गया और उप-सरपंच को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। इन दोनों मामलों में एसीबी ने भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसीबी ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की रिश्वत मांगने की स्थिति में तत्काल संबंधित एसीबी कार्यालय में संपर्क करें ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। इन कार्रवाइयों से साफ संकेत मिलता है कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को गंभीरता से लागू किया जा रहा है और कोई भी सरकारी कर्मचारी, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।