एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दो शहरों के नाम बदले जाने को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि हमारे इलाके का फैसला हमारे लोग करेंगे, एकनाथ, देवेंद्र या उद्धव नहीं करेंगे. आज सरकार के पास नंबर्स है, लोगों को बिना कॉन्फिडेंस में लिए कुछ भी कर रहे हैं.
दरअसल, महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने राज्य के दो शहरों औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदले का फैसला किया है. औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का धाराशिव कर दिया है. नाम बदले जाने पर ओवैसी ने आगे कहा, सरकार की कोशिशें यही रहती हैं, जगह का, पार्क का, शहरों को नाम बदलते रहते हैं.
‘इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना गलत’
ओवैसी ने कहा, सरकार की कोशिशें यही रहती हैं, जगह का, पार्क का, शहरों को नाम बदलते रहते हैं. इतिहास अच्छा हो सकता है, बुरा हो सकता है लेकिन इतिहास इतिहास है, उससे छेड़छाड़ करना गलत है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के हेरिटेज मॉन्यूमेंट हमारे औरंगाबाद में है. इसका हर स्तर पर फर्क पड़ेगा, सारे डॉक्यूमेंट बदलने पड़ेंगे.
‘हमारे इलाके का फैसला हमारे लोग करेंगे’
उन्होंने कहा कि हमने तो पहले मोर्चा भी निकाला था, लोगों ने विरोध भी किया था. आज सरकार के पास नंबर्स है, लोगों को बिना कॉन्फिडेंस में लिए कुछ भी कर रहे हैं. ये डिक्टेटरशिप है. हमारे इलाके का फैसला हमारे लोग करेंगे, एकनाथ शिंदे, देवेंद्र या उद्धव नहीं करेंगे. ओवैसी ने पूछा कि क्या नाम बदलने से पानी मिलेगा, रोजगार मिलेगा? सरकार ने मेसेज दिया है कि हम सुप्रीम हैं, कोर्ट से भी ऊपर है.
केंद्र ने दिखाई हरी झंडी
औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदले जाने की कवायद पर केंद्र सरकार की भी मुहर लग गई है. नाम बदलने को लेकर महाराष्ट्र सरकार की मांगों को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. इसी के साथ अब औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया जाएगा. बता दें कि यह पहला मौका नहीं जब किसी राज्य में शहर के नाम बदले हैं. इससे पहले यूपी में कई शहरों और रेलवे स्टेशनों का नाम बदला जा चुका है.
असदुद्दीन ओवैसी ने पंजाब में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर वही बयान किसी मुसलमान ने दिया होता तो अब तक बवाल हो जाता. कल शहर में छोटा रिचार्ज आए थे उनसे सवाल करना चाहिए. पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की क्या स्थिति है साफ दिख रही है.