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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि डेवलपमेंट फंड प्राप्त करने के लिए केंद्र के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए। काम जमीन पर होते हैं न कि ऑनलाइन या घर से।
उन्होंने कहा कि ने राज्य के लिए अहंकार को अलग रखने की जरूरत होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2019 और 2022 के बीच महा विकास आघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री थे। अक्सर उनकी नरेंद्र मोदी सरकार के साथ खींचतान होती रहती थी। शिंदे ने ये बात एबीपी कॉन्क्लेव में कही।
केंद्र से डील करने के लिए अहंकार को अलग रखना पड़ता है
शिंदे ने कहा कि विकास के लिए जमीन पर काम करने की जरूरत होती है। आप ऑनलाइन या फेसबुक के जरिए से काम नहीं कर सकते। एक मुख्यमंत्री को डेवलपमेंट फंड के लिए केंद्र से डील करते समय अहंकार को अलग रखना पड़ता है।
शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में नाम और सिंबल मिलने पर पूछे गए सवाल पर शिंदे ने कहा कि शिवसेना की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने की थी। शिवसेना के अधिकांश विधायक, सांसद, (पूर्व) नगरसेवक मेरे साथ हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने सत्ता की लालसा में बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को धोखा दिया।
शिंदे बोले- हम शिवसेना की संपत्तियों पर दावा नहीं करेंगे
शिंदे ने कहा कि जब उद्धव ने कांग्रेस और NCP के साथ मिलकर सरकार बनाई तो शिवसेना की विचारधारा को विश्वासघात का सामना करना पड़ा था, जिसके लिए बालासाहेब ने दूरी बनाकर रखने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि वह शिवसेना की संपत्तियों पर दावा नहीं करेंगे। साथ ही कहा कि बालासाहेब ठाकरे की विरासत और विचारधारा वह है, जो उन्होंने और उनके समर्थकों ने संजोया है।
उद्धव ने 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था
उद्धव ठाकरे ने 2019 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि बाद में मुख्यमंत्री कार्यकाल शेयर करने के अपने वादे को तोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाड़ी का गठन किया और जून 2022 तक शासन किया।
चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया है। आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। आयोग ने पाया कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपनी मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा।
शिंदे बोले-भारत का चुनाव आयोग स्वतंत्र निकाय, शरद पवार ने कहा था- भाजपा ने अपनी पावर का दुरुपयोग किया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि था भारत का चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है, जो योग्यता के आधार पर फैसले लेता है। हमारी सरकार नियमों के तहत बनी है। शिंदे का यह बयान NCP प्रमुख शरद पवार के आरोप के बाद आया था। पवार ने कहा था कि भाजपा ने शिवसेना के नाम और सिंबल पर चुनाव आयोग के फैसले को प्रभावित करने के लिए अपनी पावर का दुरुपयोग किया।