नई दिल्ली:(New Delhi) दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सूरजमल विहार में गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) के पूर्वी दिल्ली कैंपस का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान सभागार में उपस्थित कुछ लोगों ने ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाकर बाधित करने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने हंगामा करने वालों को उस वक्त करारा जवाब देते हुए कहा, “अगर इस तरह के नारे लगाने से शिक्षा व्यवस्था में सुधार होता तो यह पिछले 70 सालों में हो गया होता।” उन्होंने कहा, “मैं हाथ जोड़कर इस पार्टी और दूसरी पार्टी के लोगों से अनुरोध करता हूं कि मुझे जो कहना है उसे 5 मिनट के लिए सुनें। अगर आपको यह पसंद नहीं है, तो आप बाद में नारेबाजी जारी रख सकते हैं।”
केजरीवाल ने कहा कि आईपी यूनिवर्सिटी का पूर्वी परिसर आर्किटेक्चर और सुविधाओं के लिहाज से देश का सबसे बेहतरीन कैंपस है। यहां 2400 से अधिक बच्चों के पढ़ने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि जब यूनिवर्सिटी बनती है तो आसपास की अर्थव्यवस्था को भी बहुत फायदा होता है। बच्चे यहां आकर रहेंगे तो आसपास खूब सारी दुकानें खुलेंगी, कई लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्य रूप से इस क्षेत्र को अर्थव्यवस्था के लिहाज से बहुत ज्यादा फायदा होगा।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालयों में 85 फीसदी सीट दिल्ली के बच्चों के लिए रिजर्व हैं। लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के अंदर सीटें रिजर्व नहीं है। 2015 के एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में 12वीं पास करने वाले 2.5 लाख बच्चों में से 1.10 लाख बच्चों के लिए ही सीट उपलब्ध थीं और एक तरह से 1.40 लाख बच्चों के लिए सीटों की कमी थी। पिछले 7-8 सालों में हम इसे बढ़ाकर 1.10 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख सीटों तक ले जा पाए हैं। दिल्ली में 12वीं के बाद 1.50 लाख बच्चों के लिए सीट उपलब्ध है और अभी भी एक लाख सीटों की कमी है। हमें अभी एक लाख और बच्चों के लिए सीट बनाने की जरूरत है।
वहीं शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि 2015 में जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने एक सपना देखा कि दिल्ली के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। सिर्फ़ अमीर परिवार में पैदा होने वाले बच्चे को ही अच्छी शिक्षा का अधिकार नहीं है बल्कि जिस माता पिता के पास महंगे प्राइवेट स्कूल या कॉलेज की फीस देने के पैसे नहीं है, उसके बच्चे को भी अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के बारे में बोलते समय मैं दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को याद किए बगैर नहीं रह सकता। जब इस यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य चल रहा था, तब मनीष सिसोदिया कई बार बार यहां निरीक्षण करने आए। उन्होंने तीन बार मुझे फोन कर आईपी यूनिवर्सिटी के निर्माण कार्य का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था।
उल्लेखनीय है कि 14 दिसंबर 2014 को तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस परिसर की आधारशिला रखी थी। कैंपस को आईपी विश्वविद्यालय ने 346 करोड़ रुपये के स्व-वित्तपोषण और दिल्ली सरकार से 41 करोड़ रुपये सहित कुल 387 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।