ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भायंदर शहर में पड़ोस में रहने वाली नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के एक मामले में आरोपी को विशेष अदालत ने पांच साल कठोर करावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश वी वी विरकर ने आरोपी सदानंद वसंत लाड (28) को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने 26 जुलाई के एक आदेश में आरोपी को पांच साल कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जिसमें से पांच हजार रुपये पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाने हैं। विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने अदालत को बताया कि 2017 में घटना के समय पीड़िता चौथी कक्षा की छात्रा थी। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपी ने 17 दिसंबर 2017 को नाबालिग को किसी बहाने से अपने घर बुलाया और दरवाजा बंद कर उसका यौन उत्पीड़न किया। लोक अभियोजक ने बताया कि जब पीड़िता ने शोर मचाया तो आरोपी ने उसका मुंह दबाने का भी प्रयास किया, लेकिन चीख-पुकार सुनने के बाद एक पड़ोसी महिला घटनास्थल पर पहुंची और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया। अदालत ने आदेश में कहा कि अगर महिला सही समय पर नहीं पहुंचती तो आरोपी घिनौने कृत्य को अंजाम देने में कामयाब हो जाता। अदालत ने कहा कि आरोपी नरमी का हकदार नहीं है और उसे अधिकतम सजा दिए जाने की जरूरत है।