
चित्तौड़गढ़: (Chittorgarh) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (BJP people have expressed displeasure) के भाजपा द्वारा हिंदुओं को भड़काने के बयान और बजरंग दल के मामले में भाजपाइयों ने नाराजगी जताई है। इस पर चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी वह पार्टी है जो 36 कौम को साथ में लेकर चलती है, लेकिन हम हिंदुओं के लिए काम करते हुए आए हैं और काम करते रहेंगे। मुख्यमंत्री को ऐसी बयान बाजी करना शोभा नहीं देता। उन्होंने यह दावा भी किया है कि चित्तौड़गढ़ के सभी विधानसभाओं में एकतरफा भारतीय जनता पार्टी को ही सीटें मिलेगी।
चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस तरह की बयानबाजी करना शोभा नहीं देता। कांग्रेस वाले हिन्दुओं और बजरंग दल पर बात करते हैं। भारतीय जनता पार्टी वह पार्टी है जो 36 कौम को साथ में लेकर चलती है। एक कौम की बात नहीं करती। हिंदुओं के लिए भाजपा शुरू से काम करती आई है और काम करती रहेगी। जिस तरह कर्नाटक में बजरंग दल को बैन करने की बात कांग्रेस ने कही। आने वाले समय में विश्व हिंदू परिषद को भी बैन करने की बात करेंगे। यहां राजस्थान के कैबिनेट मंत्री गोविंद मेघवाल ने भी आने वाले समय में हिंदू संगठनों को बैन करने की बात कही, जबकि ऐसा नहीं होगा।
राजस्थान में अगर उन्होंने ऐसा किया तो जनता सरकार को ही बैन कर देगी। इस प्रकार के किसी भी संगठन को बैन करने का फायदा नहीं मिलेगा। बजरंग दल वह है जो हिंदुओं के लिए खड़ा रहता है। हिंदुत्व के लिए काम करता है। हिंदू संगठनों की वजह से देश बचा हुआ है और देश चल पा रहा है। विधायक आक्या ने कहा कि यह सरकार का अंतिम चरण चल रहा है। अंतिम चरण में ही सरकार अंतिम भोग कर रही है। आने वाले दिनों में चुनाव होंगे। उसमें भारतीय जनता पार्टी को एक तरफा सीटें मिलेगी। चित्तौड़गढ़ में पांचों की पांचों सीट से भारतीय जनता पार्टी को मिलेगी। विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने इस बात का भी दावा किया है कि चित्तौड़गढ़ विधानसभा में वे इस बार 50 हजार वोटों से जीतेंगे।
तीन दिन पूर्व जिले में हुई सीएम की सभा को लेकर विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने कहा कि सभा से लोगों को कई उम्मीद थी, लोगों की कई मांग थी, जो पूरी नहीं हो पाई। लोगों ने सरकार को नकार दिया है। इसीलिए 1500 से 2000 लोग ही आ पाए। इन्होंने बहुत तैयारियां की थी। हजारों की तादाद में लोग आने की बात कही थी। प्रशासन ने भी पूरा जोर लगा दिया था, पदाधिकारियों ने भी जोर लगाया, लेकिन सरकार ही नकारा साबित हो गई। कोई ढंग की सभा नहीं हो पाई।