
89.10 करोड़ रुपये की लागत के साथ 318 बाढ़ रोकथाम के कार्य हुए
चंडीगढ़:(Chandigarh) किसानों को नहरी पानी मुहैया करवाने के सरकारी निर्देशों के बाद राज्य के किसानों को दशकों बाद नहरी पानी मिला है। किसानों की नयी पीढ़ी ने अपने जीवन में पहली बार कुदरत की देन नहरी पानी से अपने खेतों को सींचते देखा।
यह बात जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने सोमवार को पंजाब भवन में प्रेस कान्फ़्रेंस के दौरान कही।मीत हेयर ने नहरी पानी के ऐतिहासिक काम के लिए अपने विभाग के समूह अधिकारियों और कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुये कहा कि राज्य की किसानी और भूजल को बचाने के लिए नहरी पानी का नेटवर्क मज़बूत करना समय की मुख्य ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को पहली बार नहरी पानी मिल रहा है और काश्तकारों की मांग पर समय से पहले उनको नहरी पानी पहुंचाया गया।
मीत हेयर ने आगे बताया कि पिछले कई दशकों से नहरी पानी न मिलने के कारण राज्य में बंद किये सिंचाई वाले 15741 नहरी खालों में से 13471 खालों को जल स्रोत विभाग ने पिछले ढाई महीनों के दौरान बहाल किये गए। अब पंजाब में कुल 47000 खालों में से सिर्फ़ 2270 खालों को बहाल करना बाकी है, जिन पर भी काम जंगी स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि पिछले लम्बे अरसे से नहरी पानी न मिलने कारण लोगों की तरफ से यह खाले बंद करके साफ कर दिए गए थे। इसके इलावा 25 साल बाद ही खालों की मरम्मत करने की शर्त ख़त्म की गई।
जल स्रोत मंत्री ने कहा कि विभाग की तरफ से मनरेगा के 200 करोड़ के फंड से इन बंद पड़े खालों को बहाल किया गया। पंजाब में 20 प्रतिशत से अधिक नहरें अपनी क्षमता से अधिक चल रही हैं जिस कारण टेलों पर भी अपेक्षित पानी पहुंच रहा है। भाखड़ा मेन लाइन, बिसत दोआब नहर और अपरबारी दोआब नहर की क्षमता में विस्तार किया गया। उन्होंने कहा कि किसानों को नहरी पानी पहुंचाने के लिए विभाग के पटवारी से लेकर ऐक्सियन तक खालों का निरंतर निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल तक पंजाब में नहरी पानी के साथ सिर्फ़ 21 प्रतिशत सिंचाई की जाती थी, जबकि बाकी 79 प्रतिशत भूजल के साथ सिंचाई की जाती है। नयी पहल से नहरी पानी के साथ सिंचाई के क्षेत्रफल में बढ़िया विस्तार होगा।
मॉनसून सीजन में बाढ़ों के संभावित खतरे से निपटने के लिए किये जा रहे कामों की जानकारी देते हुये मीत हेयर ने बताया कि विभाग की तरफ से सीजन शुरू होने से पहले 89.10 करोड़ रुपये की लागत के साथ 318 बाढ़ रोकथाम काम मुकम्मल किये गए हैं। इनमें 39.53 करोड़ रुपये के साथ ड्रेनों की सफ़ाई की गई और 46.43 करोड़ के साथ 75 अलग-अलग बाढ़ रोकथाम के काम किये गए। इसी तरह विभाग की तरफ से 3.15 करोड़ की लागत के साथ पांच बड़ी मशीनें खरीदीं गई, जो ड्रेनों की सफ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इससे विभाग की तरफ से अब पूरे साल ड्रेनों की सफ़ाई की जाएगी।