
भारत की सबसे बड़ी एयरपोर्ट ऑपरेटर कंपनियों में से एक अडानी एयरपोर्ट्स जल्द ही देश के अन्य हवाईअड्डों के लिए बोली लगा सकती है. हालांकि अडानी ग्रुप के पास 6 बड़े एयरपोर्ट्स का संचालन होने को लेकर कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी लगातार सरकार पर हमलावर रहते हैं.
अडानी ग्रुप इन दिनों वैसे ही हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से उभरे संकट से जूझ रहा है. इस बीच अडानी एयरपोर्ट्स का देश के अन्य एयरपोर्ट्स के लिए बोली लगाने के ऐलान को को काफी अहम माना जा सकता है.
क्या बोले कंपनी के सीईओ ?
अडानी एयरपोर्ट्स के सीईओ अरुण बंसल ने बुधवार को कहा कि अडानी ग्रुप देश का प्रमुख एयरपोर्ट ऑपरेटर बनना चाहता है. इसलिए कंपनी आने वाले समय में देश के और अधिक एयरपोर्ट्स के लिए बोलियां लगाएगी.
सरकार ने पिछली बार जब एयरपोर्ट्स के प्राइवेटाइजेशन के लिए बोलियां लगाई थीं. तब अडानी ग्रुप ने 6 एयरपोर्ट का परिचालन अपने हाथ में ले लिया था. इसके बाद समूह ने मुंबई एयरपोर्ट की ऑपरेटर कंपनी का अधिग्रहण करके उसे भी अपने समूह हा हिस्सा बना लिया.
इस तरह अडानी समूह के पास वर्तमान में मुंबई के अलावा अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट्स का परिचालन है. इसके अलावा समूह की एक अन्य कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन देश की सबसे बड़ी पोर्ट कंपनी भी है.
विपक्ष रहता है अडानी पर हमलावर
अडानी ग्रुप के पास देश के 7 प्रमुख हवाईअड्डों का परिचालन होने को लेकर विपक्ष, कांग्रेस और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमलावर रहते हैं. राहुल गांधी अलग-अलग मंचों से आरोप लगा चुके हैं कि सरकार ने अडानी ग्रुप को हवाईअड्डों का परिचालन सौंपने के लिए नियमों में बदलाव किया.
वहीं एक ही कंपनी को सभी हवाईअड्डे सौंपे जाने को लेकर वह सरकार पर इस सेक्टर में एकाधिकारवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाते हैं.