डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कार्यक्रम में शामिल हुए केन्द्रीय पर्यटन मंत्री रेड्डी
अहमदाबाद:(Ahmedabad) केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि वडनगर की पावन भूमि का दर्शन करना मेरे लिए एक तीर्थ यात्रा है। इस नगर का इतिहास दो हजार वर्ष से भी अधिक प्राचीन है। इसके प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इसकी गणना मथुरा, उज्जैन, पटना और वाराणसी जैसे जीवंत प्राचीन नगरों की श्रेणी में होगी। उन्होंने नागरिकों से ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना के साथ राष्ट्र के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री रेड्डी गुरुवार को गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित प्राचीन शहर वडनगर के ताना-रीरी गार्डन में आयोजित ‘अनंत अनादि वडनगर’ डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि पर्यटन विभाग ने इस नगर के महत्वपूर्ण इतिहास को उजागर करने का प्रेरणादायी कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो हजार वर्षों की सात प्राचीन संस्कृतियों के संगम इस नगर की महत्ता को प्रस्तुत करने वाला स्टेट ऑफ आर्ट आर्कियोलॉजिकल एक्सपेरीमेंटल म्यूजियम तथा 16वीं सदी में बलिदान देने वाली ताना-रीरी नामक गायिका बहनों के सम्मान के लिए ताना-रीरी म्यूजियम का निर्माण हो रहा है। 277 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार होने वाले ये दोनों प्रोजेक्ट वर्ष 2024 तक पूरे हो जाएंगे।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री रेड्डी ने कहा कि देशभर में 12 हजार से अधिक म्यूजियम हैं। इनमें प्रधानमंत्री संग्रहालय एक बेहतरीन उदाहरण है। देश में 12 म्यूजियम का निर्माण हो रहा है, इनमें वडनगर भी शामिल है।उन्होंने कहा कि वडनगर एक ऐसा विरासत स्थल है, जहां प्राचीन नगर संस्कृति, जल प्रबंधन और व्यापार-वाणिज्य जैसे अनेक क्षेत्रों में अनुसंधान के विशाल अवसर शहर के गर्भ में छिपे पड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ने रामायण, श्री कृष्ण, जगन्नाथ और बौद्ध सर्किट जैसी पर्यटन विविधता का भी जिक्र किया।उन्होंने उपस्थित नागरिकों से ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना के साथ राष्ट्र के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।
इस मौके पर गुजरात के पर्यटन मंत्री मुळूभाई बेरा ने कहा कि इतिहास में सात नामों से जाने जाने वाले वडनगर में 360 बावड़ियां और 360 मंदिर आदि थे। इस नगर का अपना एक अलग ही इतिहास है, जो कई बार गिरा और फिर से खड़ा हुआ है। मंत्री बेरा ने कहा कि स्कंद पुराण के अलावा अबुल फजल ने भी आइने अकबरी में वडनगर का प्राचीन नगर के रूप में उल्लेख किया था। आज वडनगर एक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हुआ है।
‘अनंत अनादि वडनगर’ डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग कार्यक्रम में मनोज मुंतशिर शुक्ला ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा में मानने वाला देश है। उन्होंने कहा कि महाभारत काल से ही इस शहर का महत्व रहा है। यह शाश्वत नगर है।
ऐतिहासिक नगर वडनगर में ताना-रीरी सहित विभिन्न सात स्थलों पर ‘अनंत अनादि वडनगर’ डॉक्यूमेंट्री बनी है, जिसमें कीर्ति तोरण, शर्मिष्ठा तालाब, हाटकेश्वर महादेव मंदिर, प्रेरणा स्कूल, बीएन हाईस्कूल, अमरथोळ दरवाजा और वडबारा परा क्षेत्र का जिक्र हैं। कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, स्थानीय सांसद शारदाबेन पटेल, राज्यसभा सांसद जुगलजी ठाकोर और गुजरात साहित्य अकादमी के चेयरमैन भाग्येश झा सहित साहित्य एवं इतिहास प्रेमी उपस्थित रहे।