
मुंबई। राज्य के गैर-परंपरागत ऊर्जा मंत्री अतुल सावे ने सौर ऊर्जा प्रकल्पों को समय पर और गुणवत्तापूर्वक पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि सौर ऊर्जा आज की आवश्यकता है और राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मंत्रालय में आयोजित महाराष्ट्र ऊर्जा विकास एजेंसी (महाऊर्जा) के शासी निकाय की 107वीं बैठक में उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ सरकारी भवनों, पुलिस कॉलोनियों, स्कूलों, कॉलेजों और स्वास्थ्य केंद्रों में सौर ऊर्जा प्रकल्पों को तेजी से लागू किया जाए ताकि बिजली की बचत हो और लागत में कमी आए। बैठक में राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डीकर, महाऊर्जा की महानिदेशक डॉ. कादम्बरी बलकवड़े, महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड सूत्रधारी कंपनी के निदेशक विश्वास पाठक और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री सावे ने कहा कि पारंपरिक ऊर्जा पर निर्भरता कम कर कार्बन उत्सर्जन घटाना सरकार का उद्देश्य है। इसी दिशा में दिसंबर 2025 तक सभी सरकारी कार्यालयों को सौर ऊर्जा से चलाने का लक्ष्य है, जबकि 2030 तक राज्य का 50% बिजली उत्पादन गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महाऊर्जा का नया प्रशासनिक भवन डीकार्बोनाइजेशन और स्वच्छ ऊर्जा की अवधारणाओं के अनुसार निर्मित किया गया है। बैठक में महाऊर्जा स्व निधि से 2024-25 के संशोधित बजट और 2025-26 के प्रस्तावित बजट को मंजूरी दी गई। साथ ही कुसुम पोर्टल, वन विंडो सुविधा, ई-गवर्नेंस और ऊर्जा संबंधी अन्य डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने, तथा परियोजना कार्यकारी अधिकारी, परियोजना अधिकारी और लेखाकार के रिक्त पदों को भरने की मंजूरी भी प्रदान की गई।