
मुंबई। महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में स्थित श्रीक्षेत्र तुलजापुर के कुलस्वामिनी श्री तुलजाभवानी मंदिर परिसर के सर्वांगीण विकास की महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार की उपस्थिति में करने की योजना है। यह जानकारी राज्य के परिवहन मंत्री और धाराशिव के पालकमंत्री प्रताप सरनाईक ने दी। मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में बोलते हुए मंत्री सरनाईक ने कहा कि यह परियोजना अगले तीन से साढ़े तीन वर्षों में पूर्ण की जाएगी। बैठक में विधायक कैलास पाटिल, विधायक प्रवीण स्वामी, विभागीय आयुक्त जितेंद्र पापलकर, कलेक्टर कीर्ति किरण पुजारी, जिला परिषद के मुख्य अधिकारी डॉ. मैनाक घोष, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शफाकत आमना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सरनाईक ने बताया कि तुलजाभवानी देवी महाराष्ट्र के साढ़े तीन शक्तिपीठों में से पूर्ण शक्तिपीठ हैं और उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा माना जाता है। हर वर्ष 1 से 1.5 करोड़ श्रद्धालु देशभर से श्रीक्षेत्र तुलजापुर में दर्शन के लिए आते हैं। भक्तों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और शहर के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार ने 1,865 करोड़ रुपये की लागत से तुलजापुर विकास योजना तैयार की है। इस योजना में मंदिर क्षेत्र, शहर का आधारभूत ढांचा, यातायात प्रबंधन, श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केंद्र, पार्किंग, जलनिकासी, बिजली, सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटन विकास आदि सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। सरनाईक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूमि अधिग्रहण, तकनीकी मंजूरी और निविदा प्रक्रिया को समानांतर रूप से तेज़ी से पूर्ण किया जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होने से पहले मंदिर के धार्मिक रीति-रिवाजों और परंपराओं का सम्मान करते हुए पुजारी परिषद और श्रद्धालुओं के सुझावों को प्राथमिकता दी जाए।
अष्टभुजा मूर्ति पर विवाद, छवि पर पुनर्विचार का निर्देश
परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित 108 फुट की श्री तुलजाभवानी की मूर्ति, जिसमें देवी को शिवाजी महाराज को भवानी तलवार देते हुए दर्शाया गया है, पर भी चर्चा हुई। मूर्ति की वर्तमान अष्टकोणीय छवि पर भक्तों और पुजारी समूहों ने विरोध दर्ज कराया है। इस पर मंत्री सरनाईक ने स्पष्ट किया कि वेबसाइट से यह छवि तुरंत हटाई जाए और देवी की छवि के निर्धारण से पहले पुरातत्व विभाग, इतिहास विशेषज्ञों और संबंधित पक्षों से परामर्श लिया जाए। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि अब से विकास परियोजना से संबंधित सभी पत्र और परिपत्र केवल अध्यक्ष की अनुमति से ही जारी किए जाएं, ताकि प्रचार-प्रसार में एकरूपता और सम्मान बना रहे। सरनाईक ने अंत में कहा कि यह परियोजना तुलजापुर को एक धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से वैश्विक पहचान दिलाएगी और श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी।