
मुंबई। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र के मंत्रालय में पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे की प्रमुख उपस्थिति में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां एकल उपयोग प्लास्टिक को पूर्णतः त्यागने और कपड़े की थैलियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में अहम पहल की गई। इस अवसर पर मंत्रालय के सभी विभागों को एकल प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को पंकजा मुंडे ने स्वयं तैयार की गई शपथ दिलाई और कपड़े की थैलियाँ वितरित करते हुए अपील की कि “पर्यावरण को हाँ, प्लास्टिक को ना” का मंत्र केवल नारा न रहे, बल्कि व्यवहार में लाया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के कामकाज को कागजरहित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए और सरकारी व निजी कार्यालयों में बड़े पैमाने पर हो रहे कागज के उपयोग को भी कम किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने कार्यक्रम में कहा कि यह केवल एक पहल नहीं, बल्कि एक जनसंदेश है जिसे पूरे महाराष्ट्र में फैलाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्रालय के 9,500 से अधिक कर्मचारी इस संकल्प को अपनाएं और इसे अपने घरों और कार्यस्थलों तक ले जाएं। उन्होंने “मेरा कार्यालय, मेरा घर – प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल” को व्यवहारिक रूप देने का आह्वान करते हुए कहा कि कागज का उपयोग टालना और डिजिटल प्रणाली अपनाना अनिवार्य है। इस अवसर पर पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव एन. रामास्वामी, अन्न व नागरी आपूर्ति विभाग की प्रधान सचिव विनिता सिंगल और पर्यावरण विभाग की सचिव जयश्री भोज भी उपस्थित रहीं। सचिव जयश्री भोज ने एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए विभाग की ओर से चलाए जा रहे प्रयासों और योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि दूसरों को जागरूक करने से पहले स्वयं जागरूक होना जरूरी है और प्लास्टिक से मुक्ति पाने का संकल्प लेकर ही हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं। मंत्रालय स्तर पर शुरू हुआ यह अभियान अब पूरे महाराष्ट्र में जनांदोलन का रूप लेने की दिशा में अग्रसर है।