
मुंबई। मुंबई के सीएसएमटी रेलवे पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ भिवंडी के सांसद सुरेश म्हात्रे, जिन्हें बाल्या मामा के नाम से भी जाना जाता है, के जाली हस्ताक्षर कर रेलवे के एमपी कोटे के तहत टिकट हासिल करने की कोशिश के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोपी की पहचान सैयद एजाज के रूप में हुई है। मामला सांसद के निजी सहायक आकाश पाटिल की शिकायत पर दर्ज किया गया, जिन्होंने बताया कि आरोपी ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को संबोधित एक जाली सिफारिश पत्र तैयार किया था, जिसमें देवगिरी एक्सप्रेस में 31 मई की मुंबई से नांदेड़ की यात्रा के लिए दो टिकट मांगे गए थे। यह पत्र 30 मई को मध्य रेलवे के आरक्षण विभाग को मिला और रेलवे के आधिकारिक कन्फर्मेशन ड्रॉपबॉक्स में डाला गया था। जांच के दौरान पाया गया कि पत्र हस्तलिखित था, जबकि सांसद कार्यालय से आमतौर पर टाइप किए हुए पत्र ही भेजे जाते हैं। इसके अलावा पत्र में सांसद के नाम, हस्ताक्षर और पत्राचार से जुड़ी कई विसंगतियां थीं। जब पत्र की प्रामाणिकता जांची गई, तो पता चला कि जिस दिन का उल्लेख पत्र में है, उस समय सांसद म्हात्रे विदेश यात्रा पर थे। लौटने के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्र और हस्ताक्षर दोनों जाली हैं। इस आधार पर रेलवे पुलिस ने आरोपी सैयद एजाज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 336(2), 336(3) और 340(2) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने पहले भी ऐसे फर्जी प्रयास किए हैं या वह किसी बड़े जालसाजी रैकेट का हिस्सा है। यह मामला सांसदों को आवंटित विशेष रेलवे कोटे के संभावित दुरुपयोग की ओर ध्यान आकर्षित करता है और यह भी संकेत देता है कि रेलवे अधिकारियों को सिफारिशी पत्रों की जांच में अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। फिलहाल आरोपी से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और पुलिस द्वारा गहन जांच जारी है।