
मुंबई। कोरोना महामारी के दौरान हुए बॉडी बैग घोटाला मामले में अब इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने एफआईआर दर्ज की है। इस केस की केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी पहले ही जांच कर रही थी। एजेंसी ने छापेमारी भी की थी। अब ईओडब्ल्यू ने पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर के खिसाफ मामला दर्ज किया है। महामारी के मेयर और बीएमसी के अधिकारियों ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया था। ईओडब्ल्यू ने किशोरी पेडनेकर के साथ-साथ बीएमसी के दो अधिकारियों और एक कंपनी के मालिक को भी आरोपी बनाया है। उद्धव ठाकरे गुट के सेना नेताओं, बीएमसी और सप्लायर कंपनी वेदांत इनोटेक के
मालिक खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जाता है कि १५०० रुपए कीमत की डेड बॉडी बैग ६,७०० रुपए में खरीदी गई। इसमें करोड़ों रुपए बहा दिए गए। मामले के खुलासे के बाद कार्रवाई लगातार चल रही है। इकोनॉमिक ऑफेंस विंग के केस दर्ज करने से पहले ईडी ने भी कार्रवाई की। एजेंसी ने कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने एक पांच सितारा होटल के घोटाला केस पर भी मामला दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू ने रविंद्र वायकर से पूछताछ की । बताया जाता है कि वायकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी हैं। उनके घर का नाम भी मातोश्री ही है। पूर्व में वह मंत्री भी रह चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ईडी ने अपनी जांच में पाया कि कोरोना मृतकों के लिए बॉडी बैग अन्य लोगों को २००० रुपए में मिल रहा था, तो वहीं बीएमसी वो ही बॉडी बैग और उसी कंपनी से ६,८०० रुपए में खरीद रही थी। इसके ठेकेदारी भी पूर्व बीएमसी मेयर के निर्देशों पर की गई थी।
ईडी ने जून में भी की थी छापेमारी, लाखों किए जब्त
ईडी ने २१ जून को पूरे महाराष्ट्र में छापेमारी की थी और ६८.६५ लाख रुपये नकद जब्त किए थे। पूरे महाराष्ट्र में ५० से ज्यादा अचल संपत्तियों (अनुमानित बाजार मूल्य १५० करोड़ रुपये से अधिक) का खुलासा करने वाले दस्तावेज जब्त किए थे। इनके अलावा १५ करोड़ फिक्स्ड डिपॉजिट, २.४६ करोड़ रुपये के आभूषण आइटम के साथ-साथ कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए।