
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने भतीजे एवं विधायक रोहित पवार के विधान भवन परिसर में धरने पर सोमवार को नाखुशी जाहिर की। रोहित पवार अहमदनगर जिले में स्थित अपने निर्वाचन क्षेत्र कर्जत जामखेड में औद्योगिक विकास निगम की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायक एवं शरद पवार के प्रति निष्ठा रखने वाले अनिल देशमुख ने रोहित पवार के धरने का मुद्दा विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि रोहित पवार अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक क्षेत्र की पहचान औद्योगिक विकास के लिए करने की मांग कर रहे हैं। देशमुख को जवाब देते हुए अजित पवार ने कहा कि रोहित पवार ने यह मांग उठाते हुए एक पत्र लिखा था जो राज्य सरकार के पास है। उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा, “सरकार ने एक जुलाई को पत्र का जवाब देते हुए कहा था कि सभी हितधारकों की एक बैठक बुलाई जाएगी और उचित निर्णय किया जाएगा। रोहित पवार को अपना धरना वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब संबंधित मंत्री ने रोहित पवार के पत्र का उचित जवाब दे दिया है तब इस तरह धरना देना एक जनप्रतिनिधि के लिए अनुचित है। अजित पवार ने कहा राज्य विधानमंडल के मॉनसून सत्र का दूसरा हफ्ता आज से शुरू हुआ है। विधान भवन में एक बैठक बुलाने के लिए अब भी पर्याप्त समय है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जन प्रतिनिधि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा (विधान भवन परिसर में) के पास धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। हालांकि रोहित पवार वहीं धरना दे रहे हैं। मैं उनसे धरना वापस लेने की अपील करूंगा। प्रदेश राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल और प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने रोहित पवार से मुलाकात की और मुद्दे पर चर्चा की जिसके बाद उन्होंने अपना धरना वापस ले लिया।