Friday, June 20, 2025
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Prayagraj : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने काम करने के तरीके में क्रांति ला दी : प्रो. सुतावाने

Prayagraj

एआई के साथ काम करने वालों की आवश्यकता तेजी से बढ़ी : डॉ सतीश सिंह

ट्रिपल आईटी में एक महीने का ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शुरू

प्रयागराज :(Prayagraj ) आज की तेज-तर्रार डिजिटल दुनिया में पेशेवरों के लिए नवीनतम तकनीकी प्रगति से अपडेट रहना आवश्यक है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक ऐसी तकनीक है जिसने हमारे काम करने के तरीके में क्रांति ला दी है। एआई उपकरण कार्यों और प्रक्रियाओं को स्वचालित कर सकते हैं जिससे वे तेज और अधिक कुशल बन सकते हैं।

उक्त विचार झलवा स्थित ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रोफेसर मुकुल शरद सुतावाने ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक्स संचार इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स एंड एप्लिकेशन (एआईटीए-2023)“ पर एक महीने के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ने के साथ इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करना एक विशिष्ट उपलब्धि हो सकती है। एआई टूल के साथ काम करने वाले पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर बन गया है।

आईईईई यूपी के अध्यक्ष डॉ सतीश सिंह ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया अधिक डिजिटल होती जा रही है एआई उपकरणों के साथ काम करने वाले पेशेवरों की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है। एआई टूल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। क्योंकि व्यक्ति और व्यवसाय बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने लोगों को आने वाले वर्षों में इसके पूर्वव्यापी प्रभाव के प्रति आगाह भी किया।

ईसीई विभाग के प्रमुख डॉ संजय सिंह ने कहा कि एआई उपकरणों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए उचित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन का होना महत्वपूर्ण है। कई संगठन अब पेशेवरों को उनके उपयोग के मामलों और लाभों को समझने में मदद करने के लिए एआई टूल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश कर रहे हैं। प्रोफेसर विजेंद्र सिंह ने कहा कि एआई टूल्स पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश करना उन व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों के लिए एक बुद्धिमान निर्णय है जो अपने कौशल को बढ़ाने और आज के डिजिटल परिदृश्य में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करना चाहते हैं।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ सूर्य प्रकाश ने कहा कि ये कार्यक्रम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के चार प्रमुख क्षेत्रों जैसे गहन शिक्षण, मशीन शिक्षण, सुदृढ़ीकरण शिक्षण और रोबोटिक्स की व्यापक समझ पर केन्द्रित करेगा। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम विभिन्न एआई उपकरणों के साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं और प्रतिभागियों को सिखाते हैं कि उन्हें अपने वर्कफ्लो में प्रभावी ढंग से कैसे एकीकृत किया जाए।

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