
मुंबई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार की ओर से सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल के हाथ कार्यकारी अध्यक्ष की कमान दिए जाने के बाद पहली बार अजित पवार का दर्द बाहर आया। बुधवार को एनसीपी की वर्षगांठ पर कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में वे बुरी तरह से फट पड़े। उन्होंने कहा कि बहुत हो गया बस। उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं रहना अब। मुझे इस पद में पहले भी रुचि नहीं थी। विधायकों के आग्रह पर मैंने यह पद स्वीकार कर लिया था। लोग कहते हैं, मैं आक्रामक नहीं हूं। आक्रामकता के लिए क्या करूं, जाकर किसी के कॉलर पकड़ लूं? अजित पवार ने आगे कहा कि, मुझे अब तक पार्टी की ओर से जो भी जिम्मेदारियां दी गई हैं वो मैंने पूरी ईमानदारी से निभाई है। आगे भी निभाऊंगा, इसका वादा करता हूं। मुझे इस पद से मुक्त करें और संगठन की जिम्मेदारी दें। अजित पवार ने कहा कि पार्टी, सिर्फ शीर्ष नेतृत्व से नहीं चलती है। वार्ड स्तर पर काम करना होता है। मेरे हाथ संगठन की जिम्मेदारी आए तोफिर मैं बताता हूँ पार्टी कैसे चलती है। हालांकि यह अधिकार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का है। मैंने तो अपनी इच्छा जाहिर की है। आज तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी है, उसे मैंने अच्छी तरह से निभाया है। आगे भी जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसके साथ न्याय करूंगा।
मुख्यमंत्री शिंदे पर बरसे अजित पवार, कहा- दाढ़ी सहलाने से नहीं चलती सरकार
अजित पवार इस मीटिंग में राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सीएम एकनाथ शिंदे पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे मुझसे पूछते रहते हैं कि मैं सिर्फ उन्हीं की आलोचना क्यों करता हूं। अरे, राज्य में कानून व्यवस्था की हालत देखिए। सिर्फ दाढ़ी सहलाने से सरकार थोड़ी न चलती है। अजित पवार के इस बयान से एक बार फिर इस चर्चा को नया आयाम मिल सकता है कि क्या अजित पवार भविष्य में अपने गुट को लेकर बीजेपी में शामिल होकर सीएम शिंदे को रिप्लेस करना चाह रहे हैं?
जयंत पर अजित पवार ने किया सवाल स्पष्ट, अब वे बनना चाहते हैं प्रदेश अध्यक्ष?
अजित पवार ने जयंत पाटील के पांच साल से ज्यादा प्रदेश अध्यक्ष होने पर भी सवाल उठाया। एनसीपी के नियमों के मुताबिक तीन साल तक ही कोई व्यक्ति प्रदेश अध्यक्ष रह सकता है। यह कह कर अजित पवार ने यह साफ कर दिया कि उनके दिल में बहुत कुछ भरा है जो आज फट पड़ा है। साथ ही इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि अब अजित पवार क्या प्रदेश अध्यक्ष बनना चाह रहे हैं? हालांकि अजित पवार की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने के बाद जब जयंत पाटील के बोलने का अवसर आया तो उन्होंने अजित पवार की ओर इशारा करते हुए कहा कि दादा यह भूल गए कि मैं पांच साल नहीं, पांच साल एक महीने से प्रदेश अध्यक्ष हूं।
इस मुद्दे पर बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एनसीपी का अंदरुनी मामला है। इस पर मैं क्या कहूं? वे एक प्रभावी नेता हैं। लेकिन इस बारे में तो उनकी पार्टी को ही तय करना है। लेकिन ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने इस मुद्दे पर कहा कि अजित पवार का नेता प्रतिपक्ष बने रहना आज बहुत जरूरी है।