मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण मसले पर दोबारा विचार करने के फैसले से सुप्रीम कोर्ट के एतराज के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमसे जो बन पड़ेगा हम करेंगे। हम भोसले समिति द्वारा दिए गए सुझावों पर काम कर रहे हैं। अब महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में उपचारात्मक याचिका दायर करेगी। महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मालूम हो कि बीती गुरुवार यानी 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर दोबारा विचार करने से इनकार कर दिया था। इससे पहले यानी 5 मई 2021 को भी इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर एतराज जताते हुए रद्द कर दिया था। उस वक्त कोर्ट ने यह तर्क रखते हुए आरक्षण रद्द किया था कि मराठा आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है।एकनाथ शिंदे लगातार मराठा आरक्षण के मसले को लेकर पूर्व की महाविकास आघाडी सरकार पर निशाना साधते आए हैं। अभी हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान ही मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि ठाकरे सरकार के अंदर मराठा आरक्षण को लेकर दलीलें पेश करने की क्षमता है ही नहीं, ठीक पिछड़ों के आरक्षण की तरह। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अगर 10 फीसदी दलित हैं तो 33 फीसदी मराठा आबादी है। इसके साथ ही खबरों के मुताबिक, मराठा समुदाय से अब तक कई मुख्यमंत्री राज्य को मिल चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी इस जाति का आरक्षण मुद्दा काम नहीं कर सका है। मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मराठा जाति से ही ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में शिंदे लगातार आरक्षण के मुददे को उठा रहे हैं। उधर, विपक्ष लगातार शिंदे पर हमलावर नजर आ रहा है।