
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन ने रविवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में भगवान महावीर स्वामी 2550 निर्वाण कल्याणक महोत्सव समिति द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय निबंध स्पर्धा के विजेताओं को सम्मानित किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि भगवान महावीर का जीवन त्याग और अहिंसा का प्रतीक था। उन्होंने विद्यार्थियों से दूसरों के लिए जीने का महत्व समझने और पठन-लेखन की आदत विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में भगवान महावीर के जीवन पर निबंध स्पर्धा आयोजित करने से उनके विचार नई पीढ़ी तक प्रभावी रूप से पहुंचेंगे। इस प्रतियोगिता में राज्यभर से 1.2 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया, जो एक उत्साहजनक बात है। प्रतियोगिता के माध्यम से 16 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भगवान महावीर के जीवन का अध्ययन किया। समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया गया। कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने राजभवन में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। विधायक चैनसुख संचेती ने कहा कि भगवान महावीर का संदेश ‘अहिंसा परमो धर्म’ घर-घर तक पहुंचाने में यह स्पर्धा सहायक सिद्ध होगी। जैन अल्पसंख्यक आर्थिक विकास महामंडल के अध्यक्ष ललित गांधी और भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक महोत्सव समिति के निमंत्रक हितेंद्र मोटा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। राज्यपाल ने विभिन्न जिलों से आए विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार राशि के चेक प्रदान किए और इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले नाशिक के जिलाधिकारी जलज शर्मा और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशीमा मित्तल को सम्मानित किया।